
नई दिल्ली। ड्रैगन फ्रूट की खेती वियतनाम और दक्षिणी अमेरिका में की जाती है। लेकिन क्या आप जानते है अब भारत में भी इसकी खेती बड़े पैमाने पर होने लगी है। राजस्थान के सीकर जिले के छोटे से गांव कुशलपुरा के युवा हीरालाल राजस्थान जैसे गर्म प्रदेश में भी ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं। यह युवा ये खेती कर सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहा है। युवा किसान हीरालाल ने बताया कि पारंपरिक खेती के नुकसान से परेशान होकर उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की थी। ऐसे में अब वैज्ञानिक तरीके से ड्रैगन फ्रूट की खेती कर हीरालाल दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। युवा किसान हीरालाल के अनुसार उनका मन पढ़ाई में नहीं लगता था, जिसके बाद उन्होंने बागवानी करने का मन बनाया।
3 बीघा में करते है ड्रैगन फ्रूट की खेती
सीकर जिले का यह बागवान हीरालाल ने 3 बीघा खेत में 2000 से ज्यादा ड्रैगन फ्रूट की खेती किए है। जिनको ट्रेलीज सिस्टम से लगाया गया है। बागवान के अनुसार इस पद्धति में कम जमीन में ज्यादा पौधे लगाए जा सकते हैं और पैदावार ज्याद होती है। इस सिसटम से एक बीघा में लगभग 500 पौधे से ज्यादा लगाए जा सकते हैं। जिसमें सभी पौधों को कतार में किसी तार के सहारे लगाया जाता हैं, उसमें प्राकृतिक गाय और भैंस का गोबर, खेत का कचरा आदि का प्रयोग किया जाता है।
पहली बार 18 लाख की कमाई
बागवान हीरालाल के अनुसार एक एकड़ में सालाना लगभग 12 से 13 टन का उत्पादन होता है, जो लगभग 70 क्विंटल से ज्यादा है। 3 बीघा खेत में लगभग 4 लाख लागत आया। बात करें सालाना मुनाफे की पहले सीजन में 18 लाख तक मुनाफा हुआ है, ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाने के 15 महीने बाद फल आना शुरू होता है और लगभग 20 साल तक फल आते हैं। बाजार के उतार-चढ़ाव का इस फल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं।