
नई दिल्ली। कश्मीर के कुछ इलाकों में अफीम की खेती की जाती है लेकिन अब यहां पर किसान अफीम की खेती छोड़कर दूसरे प्रयोगों में हाथ आजमाया किसानों ने अपनी इनकम के लिए अब सब्जी और सेब की खेती कर रहे है। कुलग्राम में साल 2023 में शुरू किए नशा मुक्त जम्मू-कश्मीर अभियान के तहत जिला प्रशासन ने रहनुमा प्रोग्राम को लॉन्च किया। इस प्रोग्राम में शामिल होकर किसान ने अपने तीन कनाल से ज्यादा फैले खेत में कई तरह की सब्जियां उगानी शुरू कर दीं।
खत्म हो रही है अफीम की खेती
किसानों को नशीले पदार्थों की खेती से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित करके, अफीम की खेती के तहत आने वाली जमीन के बड़े हिस्से को मक्का, सब्जियों और सेब की ज्यादा उपज वाली किस्मों में बदल दिया गया है। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि इस कार्यक्रम के शुरू होने से पहले इस क्षेत्र में कुल 738 कनाल जमीन पर अफीम की खेती होती थी। एक साल के भीतर यह आंकड़ा घटकर 49 कनाल रह गया।
किसान उगा रहे हैं फल, फूल और सब्जियां
आशा है कि 2025 समाप्त होने के बाद जिले में अफीम की खेती पूरी तरह से खत्म हो जाएगी और किसान मक्का, धान, सब्जियों और फूलों की खेती की ओर रुख करेंगे। जिला प्रसाशन के अनुसार अब स्थानीय निकायों को नियमित निगरानी में शामिल करके अफीम की खेती को बंद रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। नई योजना के तहत, ग्राम पंचायतों को किसी भी गैर-कानूनी खेती की पहचान करने और उसकी सूचना देने, सामुदायिक स्तर पर सतर्कता सुनिश्चित करने और लंबे समय तक उसका पालन हो, यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है।