सोनभद्र में पारंपरिक खेती छोड़ लोग कर रहे हैं बागवानी, उद्यान विभाग से मिल रही है मदद

    15-Oct-2025
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नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में किसान अब पारंपरिक खेती छोड़कर बागवानी की ओर रुख कर रहे हैं। उन्हें बागवानी में कम लागत पर अच्छा मुनाफा मिल रहा है। सरकार और उद्यान विभाग किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की बागवानी खेती को बढ़ावा दे रहे हैं।जिसमें सलाह और सब्सिडी भी शामिल है। सोनभद्र जिले के न्याय पंचायत में कई किसान धान-गेंहू की खेती को छोड़कर स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं। यह बागवानी का एक सफल उदाहरण बन गया है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो रही है और वे अच्छा मुनाफा कमा चुके हैं।

प्रति हेक्टेयर 90,000 रुपये की सहायता

सोनभद्र जिले के जिला उद्यान विभाग के अनुसार पिछले साल भी किसानों ने स्ट्रॉबेरी की खेती से अच्छा मुनाफा कमाया था। इस बार जिले को 10 हेक्टेयर में स्ट्रॉबेरी की खेती का लक्ष्य मिला है।उद्यान विभाग प्रति हेक्टेयर 90,000 रुपये की सहायता राशि किसानों को प्रदान कर रहा है। यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में मदद कर रही है।अधिकारी ने यह भी बताया कि यह आवेदन का चालू सीजन है। इच्छुक किसान 15 अक्टूबर तक आवेदन कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

ड्रैगन फ्रूट पर 35 प्रतिशत तक सब्सिडी

मिर्जापुर भी ड्रैगन फ्रूट के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की जा रही है। जिले में किसान स्ट्रॉबेरी की खेती से अपनी आय बढ़ा रहे हैं। सोनभद्र में भी ड्रैगन फ्रूट की खेती से किसानों की आमदनी में वृद्धि हो रही है। औद्योगिक खेती से एक एकड़ जमीन में 15 लाख रुपए तक की आय संभव है। खाद्य प्रसंस्करण यूनिट लगाने पर उद्यान विभाग 35 प्रतिशत तक सब्सिडी देता है। उत्तर प्रदेश में उद्यान विभाग द्वारा नर्सरी में तैयार किए जाने वाले पौधों की संख्या 2022 के 74 लाख से बढ़कर 2025 में 28 करोड़ हो जाएगी।