बंजर जमीन में भी होगी बेहतर कमाई, बस लगाएं यह पेड़

    21-Oct-2025
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नई दिल्ली। आज के बदलते समय में किसान परंपारागत खेती को छोड़कर आज कल बागवानी करने लगे है। अब कुछ बागवान इमली की बागवानी कर रहे है। बाजार में इमली की मांग लगातार बढ़ रही है। इमली सिर्फ स्वादिष्ट खाने का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसका उपयोग जूस, अचार, मसाले, मिठाई और आयुर्वेदिक दवाओं में भी होता है। यही वजह है कि किसानों के लिए इमली की खेती एक लाभकारी विकल्प बनती जा रही है।

इमली की खेती के फायदे

सबसे बड़ी बात यह है कि इमली के पेड़ कम देखभाल में भी अच्छे फल देते हैं। यह सूखा सहिष्णु फसल है, यानी ज्यादा पानी की जरूरत नहीं पड़ती। इसलिए शुरुआती खर्च कम आता है और मुनाफा ज्यादा होता है। इमली के पेड़ लंबी उम्र वाले होते हैं और सालों तक फल देते रहते हैं। इससे किसान को लंबे समय तक निरंतर आय मिलती है।

बढ़ती मार्केट डिमांड

आज के समय में इमली की मांग में तेजी आई है। गर्मियों में इमली का जूस, पाउडर और अचार बाजार में बहुत बिकते हैं। इसके अलावा, आयुर्वेदिक औषधियों में भी इमली का इस्तेमाल बढ़ गया है। इस कारण, किसान अपनी पैदावार का सही मार्केटिंग करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

इमली की खेती कैसे शुरू करें

इमली की खेती शुरू करने से पहले सही तैयारी और योजना बहुत जरूरी है। यह फसल गर्म और शुष्क जलवायु में अच्छी होती है और कम पानी में भी उगाई जा सकती है। नीचे हम इमली की खेती शुरू करने के सभी जरूरी कदम आसान और विस्तार से बता रहे हैं।

पौधों का चयन

इमली की खेती के लिए बाजार में तैयार नर्सरी पौधे उपलब्ध हैं। अच्छी किस्म के पौधे चुने जो रोग प्रतिरोधक और उच्च पैदावार वाले हों। आमतौर पर 6-12 महीने के पौधे रोपण के लिए उपयुक्त होते हैं।

मिट्टी का करे चयन

इमली के पेड़ को अच्छी पैदावार के लिए ऐसे खेत की जरूरत होती है जहां पानी का निकास सही हो। मिट्टी का पीएच 6 से 8 के बीच होना चाहिए। भारी, गीली मिट्टी या पानी जमा होने वाली जगहों पर इमली के पेड़ ठीक से नहीं बढ़ते। जमीन को अच्छे से जोतकर उबड़-खाबड़ सतह को समतल कर लें. खेत में मिट्टी में पर्याप्त पोषक तत्व हों, इसके लिए खेत में जैविक खाद या गोबर की खाद डालना लाभकारी रहता है।