
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश इस साल पराली का हॉटस्पॉट बन गया है। पंजाब और हरियाणा जैसे राज्य जहां इस बार पराली की घटनाओं में पीछे हैं तो वहीं यूपी में हो रहीं पराली की घटनाओं ने राज्य सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। राज्य सरकार ने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने इन सर्दियों के मौसम में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने में मदद करने वाले उपकरणों की खरीद पर 40 फीसदी से 50 फीसदी तक की छूट देने की योजना शुरू करने का ऐलान किया है।
उपकरणों पर मिलेगी सब्सिडी
राज्य सरकार की यह सब्सिडी मुल्चर और श्रेडर जैसे उपकरणों की खरीद पर लागू होगी। इन उपकरणों की मदद से किसान फसल के अवशेषों को काटकर, मिलाकर या मिट्टी में जोत सकते हैं। इससे पराली कचरा बनने के बजाय जैविक खाद में बदल जाती है। अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने एग्रीकल्चर डायरेक्टर पंकज त्रिपाठी ने बताया कि किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए विभाग के पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं या नजदीकी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
क्या है योजना का अहम मकसद
इस योजना का मुख्य मकसद पराली जलाने की समस्या को कम करना है। यह समस्या हर साल सर्दियों के मौसम में होने वाली एक बड़ी पर्यावरणीय चुनौती है। साथ ही उत्तर भारत में गंभीर वायु प्रदूषण का कारण बनती है। अधिकारियों के अनुसार अगर योजना को प्रभावी तौर पर लागू किया गया तो यह उत्तर भारत में धूलकण प्रदूषण और स्मॉग की घटनाओं को घटाने में मदद करेगी।