महक उठेगी आपकी बालकनी, लगाइए रजनीगंधा

    28-Oct-2025
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रजनीगंधा जिसके नाम में ही इसका रहस्य छुपा है रजनी यानी रात और गंधा यानी सुगंध।रजनीगंधा अपनी मादक और मीठी खुशबू से पूरे वातावरण को सुगंधित कर देता है। अगर आप चाहते हैं कि आपके घर का हर कोना इसकी सुगंध से भर जाए तो आपकी बालकनी या बगीचा रजनीगंधा उगाने के लिए एकदम सही जगह है। रजनीगंधा एक बारहमासी पौधा है जो अपने लंबे डंठल और सफेद तारे के आकार के फूलों के लिए जाना जाता है। इसकी खासियत है कि यह बीज से नहीं, बल्कि कंद से उगाया जाता है। यह न केवल घर की शोभा बढ़ाता है, बल्कि इसका उपयोग गजरे, पूजा-अनुष्ठान, परफ्यूम उद्योग और फूलों की सजावट में भी खूब किया जाता है।

रजनीगंधा लगाने का तरीका

रजनीगंधा लगाने के लिए स्वस्थ और दृढ़ कंदों का चुनाव करें। वे कंद खराब माने जाते हैं जो नरम, सड़े हुए, या फफूंदी लगे हुए दिखाई दें। अच्छी गुणवत्ता वाले कंद नर्सरी या विश्वसनीय ऑनलाइन स्टोर से खरीदें।

मिट्टी की तैयारी

रजनीगंधा को हल्की, भुरभुरी और उत्तम जल निकासी वाली मिट्टी पसंद है। जलभराव से कंद सड़ सकते हैं. एक आदर्श मिश्रण बनाने के लिए ले 60% सामान्य बगीचे की मिट्टी 30% जैविक खाद और 10% रेत यह जल निकासी को बेहतर बनाता है। मिट्टी का pH स्तर 6.0 से 7.0 के बीच हल्का अम्लीय से तटस्थ होना चाहिए।

कंद रोपण विधि से लगाएं पौधा

रजनीगंधा के कंद आप किसी भी माह में लगा सकते हैं अगर गमले में लगा रहे हैं, तो कम से कम 12 इंच गहरा और चौड़ा गमला चुनें। गमले या क्यारी में मिट्टी का मिश्रण भरें. प्रत्येक कंद को लगभग 2-3 इंच की गहराई पर लगाएं। दो कंदों के बीच कम से कम 6-8 इंच का फासला रखें ताकि पौधों को फैलने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।