
नई दिल्ली। सर्दियों का मौसम पौधों के लिए आराम का समय माना जाता है, लेकिन यही मौसम उनकी सबसे बड़ी परीक्षा भी लेता है। तापमान गिरने से पौधों की बढ़त धीमी हो जाती है और मिट्टी जल्दी ठंडी होकर जम जाती है। ऐसे में पौधे उतना पानी सोख नहीं पाते, जिससे उनका रंग फीका पड़ने लगता है और पत्तियां झड़ना शुरू हो जाती हैं। इसलिए इस मौसम में उनकी देखभाल थोड़ी अलग तरीके से करनी पड़ती है।
पौधों को हमेशा धूप में रखे
सर्दियों में पौधों को सबसे ज्यादा जरूरत धूप की होती है। कम धूप मिलने से पौधे कमजोर हो जाते हैं और पत्तियों पर हल्के धब्बे पड़ने लगते हैं। कोशिश करें कि हर पौधा रोज कम से कम 3–4 घंटे सीधी धूप जरूर ले। बालकनी या छत पर गमलों का स्थान बदलते रहें ताकि हर पौधो को धूप का बराबर लाभ मिल सके।
पानी का रखे ध्यान
सर्दियों में अक्सर लोग पौधों को गर्मियों जितना पानी देते रहते हैं, जबकि इस समय पौधों की जरूरत लगभग आधी हो जाती है। ज्यादा पानी देने से मिट्टी गीली रहती है और जड़ें सड़ने लगती हैं। इसलिए पानी तभी दें जब मिट्टी की ऊपरी सतह सूखी महसूस हो। सुबह धूप निकलने के बाद पानी देना सबसे अच्छा माना जाता है। ठंड में मिट्टी सख्त होने लगती है जिससे पौधों की जड़ें सांस नहीं ले पातीं। हफ्ते में एक बार खुरपी से मिट्टी को हल्का ढीला कर दें। इससे हवा का प्रवाह बना रहेगा और जड़ें मजबूत होंगी। यदि घर की खाद जैसे गोबर खाद, सूखे पत्ते या किचन वेस्ट कंपोस्ट है, तो इसकी हल्की मात्रा गमलों में डालें। इससे पौधों को धीरे-धीरे पोषण मिलता रहेगा।
पाला से बचाए
तेज ठंडी हवा या पाला पौधों को तुरंत नुकसान पहुंचा देता है। जिन पौधों को ज्यादा ठंड सहन नहीं होती, उन्हें रात में अंदर घर या बरामदे में रख दें। खासकर मनी प्लांट, स्नेक प्लांट, एलोवेरा, तुलसी और छोटे सजावटी पौधों को तेज ठंड से बचाना जरूरी है। गमलों के नीचे लकड़ी या ईंट का स्टैंड लगाने से भी मिट्टी का तापमान थोड़ा गर्म बना रहता है।