संतरे के बाग में दिखें धब्बे तो न करें नजरअंदाज, हो सकता है झुलसा रोग

    31-Oct-2025
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नई दिल्ली। भारत में संतरे की खेती कई राज्यों के किसानों के लिए आमदनी का प्रमुख जरिया है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में यह फल सुनहरे फलों का सोनाकहलाता है। लेकिन जब मेहनत से लहलहाते संतरे के बाग अचानक मुरझाने लगें, पत्तियों पर दाग दिखें या फल समय से पहले गिरने लगें तो यह किसी भी किसान के लिए चिंता की बात है। हाल के दिनों में कई इलाकों में झुलसा रोगऔर साइट्रस कैंकर जैसे संक्रमण तेजी से फैल रहे हैं, जो संतरे की फसलों को भीतर से कमजोर कर रहे हैं।

झुलसा रोग क्या है और कैसे फैलता है

झुलसा रोग मुख्य रूप से फफूंद और बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है। इस बीमारी के प्रमुख कारणों में साइट्रस कैंकर, हुआंगलोंगबिंग  और अल्टरनेरिया अल्टरनाटा नामक फंगस शामिल हैं। यह संक्रमण अक्सर हवा, बरसात, कीटों या संक्रमित पौधों और औजारों के जरिए फैलता है। अगर किसान समय रहते पहचान न करें, तो यह बीमारी कुछ ही हफ्तों में पूरे बागान को अपनी चपेट में ले सकती है।

किसानों को भारी नुकसान

झुलसा रोग केवल फलों की गुणवत्ता को नहीं बिगाड़ता, बल्कि उत्पादन पर भी गहरा असर डालता है। कई बार पूरे पेड़ कमजोर होकर सूखने लगते हैं। महाराष्ट्र के नागपुर और अमरावती जैसे क्षेत्रों में किसानों ने बताया कि संक्रमण के कारण उन्हें 30 से 40 फीसदी तक नुकसान झेलना पड़ा है। जो पेड़ पहले एक सीजन में 100 किलो तक फल देते थे, वे अब मुश्किल से आधा उत्पादन दे पा रहे हैं।

रोकथाम के उपाय

झुलसा रोग से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है समय पर पहचान और नियमित देखभाल. किसानों को चाहिए कि वे अपने बाग की समय-समय पर जांच करते रहें. अगर किसी पेड़ की पत्तियों या फलों पर दाग दिखें, तो तुरंत उस शाखा को काटकर नष्ट कर दें. बाग में साफ-सफाई बनाए रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि गंदगी और नमी संक्रमण को बढ़ावा देती है.