
नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर सरकार ने कहा है कि सेब, केसर, आम और लीची की फसलों को री-स्ट्रक्चर्ड वेदर बेस्ड क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम के तहत नोटिफाई कर दिया गया है, जिससे यह भरोसा मिलता है कि सेब उगाने वालों के लिए एक फॉर्मल फसल बीमा कवर पाइपलाइन में है। इस स्कीम को लागू करने के लिए इंश्योरेंस कंपनी चुनने के लिए टेंडरिंग प्रोसेस अभी चल रहा है। यह भरोसा एक विधायक के विधानसभा में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आया। उन्होंने सेब उगाने वालों के हितों की रक्षा और हॉर्टिकल्चर सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को दूर करने के लिए सरकार के उपायों के बारे में जानकारी मांगी थी।
र्केट इंटरवेंशन स्कीम फिर होगी शुरू
लिखे हुए जवाब के मुताबिक, सरकार ने कहा कि नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन के ज़रिए 2019 में पहली बार शुरू की गई मार्केट इंटरवेंशन स्कीम ने COVID-19 महामारी के दौरान सेब किसानों को समय पर मार्केट सपोर्ट दिया था। प्रशासन अब उगाने वालों के लिए लंबे समय के फायदे पक्का करने के लिए इस स्कीम को फिर से शुरू करने पर काम कर रहा है। जम्मू और कश्मीर में अभी 2.92 लाख मीट्रिक टन की कंट्रोल्ड एटमॉस्फियर स्टोरेज कैपेसिटी है, जबकि अनुमानित ज़रूरत 6 एलएमटी है, जो सालाना फल प्रोडक्शन का लगभग 30 प्रतिशत है।
बागवानों को मिलेगी सुविधा
सरकार ने कहा कि आने वाली फसल बीमा योजना, एमआइएस को फिर से शुरू करना, और कोल्ड स्टोरेज और मंडी सुविधाओं को बढ़ाना, इन उपायों का मकसद जम्मू और कश्मीर के बागवानी इकोसिस्टम को मजबूत करना और पूरे केंद्र शासित प्रदेश में हजारों फल उगाने वालों की रोजी-रोटी को सुरक्षित करना है।