
नई दिल्ली। शिमला जिलें में करीब आठ साल बाद जिला के उपमंडल कोटखाई के सेब बागवानों को उपभोक्ता आयोग ने बड़ी राहत दी है। आयोग ने भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड को सेब की फसल के नुकसान के लिए शिकायतकर्ता को 1,24,500 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। मामला साल 2016-17 की ओलावृष्टि से जुड़े सेब के पेड़ों और फसल के नुकसान का है। नुकसान के बावजूद बीमा कंपनी ने तकनीकी आधार पर दावे को खारिज कर दिया था। इससे परेशान होकर किसान ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी।
बागवोनों ने की थी शिकायत
शिकायतकर्ता मोहिंदर सिंह चौहान ने पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत 18,500 रुपये का प्रीमियम देकर सेब के पेड़ों और फसल का बीमा कराया था। वर्ष 2017 के दौरान भारी ओलावृष्टि के कारण उनके सहित क्षेत्र के किसानों को अपने सेब के पेड़ों और फसल को भारी नुकसान हुआ था। नुकसान के बाद उन्होंने बागवानी विभाग के माध्यम से भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड को उचित दस्तावेज प्रस्तुत किए। नुकसान का आकलन 84,500 रुपये किया गया, लेकिन बीमा कंपनी ने यह कहकर दावा खारिज कर दिया कि हानि सूचना और फसल हानि सूचना प्रपत्र पर उनके हस्ताक्षर प्रस्ताव प्रपत्र से मेल नहीं खाते।
खर्च भुगतान करने का दिया आदेश
जिला उपभोक्ता आयोग ने शिकायत स्वीकार करते हुए माना कि किसान नुकसान की भरपाई का हकदार है। तकनीकी आधार पर दावे का निपटारा न करना सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार है। आयोग ने भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड को 84,500 रुपये का बीमा दावा सहित 25,000 रुपये मानसिक हरास और 15,000 रुपये कोर्ट खर्च का व्यय भुगतान करने का आदेश दिया है।