जानें क्या है?, एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना

    06-Oct-2025
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नई दिल्ली। एकीकृत बागवानी विकास मिशन फलों, सब्जियों, मसाले, फूल, सुगंधित पौधों, नारियल, काजू, और बांस इत्यादि उत्पादों के चौमुखी विकास करने के लिए शुरू की गई योजना है। यह योजना पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों को छोड़कर देश के सभी प्रदेशों में लागू है। इस योजना से जुड़े विकास कार्यक्रमों के कुल बजट का 85 प्रतिशत हिस्सा भारत सरकार देती है जबकि शेष 15 प्रतिशत राज्य सरकारें खुद वहन करती हैं। इसी तरह बांस विकास सहित राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, नारियल विकास बोर्ड, केंद्रीय बागवानी संस्थान, नागालैंड और राष्ट्रीय एजेंसियों के कार्यक्रमों के लिए भी शत-प्रतिशत बजटीय योगदान भारत सरकार का है।

मिशन के उद्देश्य

1- इस योजना के तहत  बागवानी क्षेत्र का विकास करना है। जिसमें बांस और नारियल भी शामिल है। इस क्रम में प्रत्येक प्रदेश क्षेत्र के अनुरूप क्षेत्र आधारित अलग-अलग नीति अपनाता है। इसके साथ ही इस योजना से अनुसंधान तकनीक , विस्तारीकरण, फसलोपरांत प्रबंधन के लिए कार्य किया जाता है।

.2- कृषकों को एफआईजी, एफपीओ व एफपीसी जैसे कृषक समूहों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना ताकि समानता और व्यापकता आधारित आर्थिकी का निर्माण किया जा सके।

3-. बागवानी उत्पादन में वृद्धि करना

4-  बागवानी क्षेत्र में ग्रामीण युवाओं को प्रोत्साहन देना और रोजगार उत्पन्न कराना

कैसे करता है काम

पारंपरिक खेती की बजाय बागीचों को बढ़ावा देना। जिससे फलों के बागानों, अंगूर के बागों, फूलों, सब्जी के बगीचों और बांस की खेती पर जोर देना।

सरंक्षित खेती और आधुनिक कृषि सहित उन्नत बागवानी के लिए किसानों तक सही तकनीक की जानकारी उपलब्ध कराना।

खासकर उन राज्यों में जहां बागवानी का क्षेत्र कुल कृषि क्षेत्र के 50 प्रतिशत से कम है, वहां एकड़ के हिसाब से बांस और नारियल सहित फलों की बागीचा का विस्तार करना।