बर्फबारी से लाहौल में सेब के बगीचे में भारी क्षति , बागवान हुए परेशान

    09-Oct-2025
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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में बदले मौसम के बीच सात साल बाद पहाड़ों पर अक्टूबर के पहले हफ्ते में बर्फबारी दर्ज हुई है। चार दिनों से भारी बारिश और बर्फबारी से ठंड बढ़ गई है। लाहौल-स्पीति, कुल्लू और चंबा के ऊंचे इलाकों में भारी बर्फबारी हुई। लाहौल में असामयिक बर्फ बारी से सेब से लदे पेड़ों को भारी नुकसान हुआ है। कई जगहों पर सेब के बगीचों में टहनियां टूट गईं और फल भी गिर रहे हैं। बागवानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें पड़ गई हैं। प्रदेश के कई भागों में आज भी बारिश हो रही है। शिमला में भी दोपहर तक रुक-रुककर बारिश जारी है। वहीं मनाली-लेह मार्ग पर दारचा से आगे ट्रक फंसे हुए हैं। अगर मौसम खुलता भी है तो ट्रकों को निकलने में अभी समय लगेगा। रोहतांग दर्रा में करीब 100 सेंमी बर्फ रिकार्ड की गई है।

बागवानों ने की मुआवजे की मांग

बर्फ बारी से सेब की टहनियां सेब के फल सहित टूट गई हैं। हालांकि घाटी में कुछ दिनों से सेब तोड़ने का काम शुरू हुआ था लेकिन अचानक हुई अचानक हुई बर्फबारी के चलते सेब के पौधों को काफी नुकसान पहुंचा है। दो दिनों से घाटी में रूक-रूक कर बर्फबारी हो रही है। इससे जहां लोगों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं किसानों और बागवानों पर इसका गहरा असर पड़ा है। बागवानों का कहना है कि बर्फबारी ने जहां उनकी सेब की फसल को नुकसान पहुंचाया है तो वहीं सेब के पौधों की टहनियां टूट गई है। इसकी भरपाई करना बागवानों के लिए काफी मुश्किल होगा। बागवानों ने जिला प्रशासन और बागवानी विभाग से आग्रह किया है कि बागवानों को हुए नुकसान का आकलन किया जाए और नुकसान की भरपाई की जाए।