नवंबर में आंवले की ये किस्में लगाएं, होगा बंपर मुनाफा

    01-Nov-2025
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नई दिल्ली। आंवला औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसके फलों का इस्तेमाल कई तरह की दवाएं बनाने में किया जाता है। आंवला से बनी दवाएं एनीमिया से लेकर किसी घाव को भरने में, डायरिया,दांत दर्द और बुखार तक में प्रयोग की जाती हैं। नवंबर का महीना किसानों के लिए आंवला की खेती शुरू करने का बेहतरीन समय माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार इस मौसम में मिट्टी में नमी बनी रहती है और तापमान भी संतुलित रहता है, जिससे पौधों की जड़ें अच्छी तरह विकसित होती हैं। आंवला न सिर्फ औषधीय गुणों से भरपूर है, बल्कि किसानों के लिए यह कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली फसल भी साबित होती है।

प्रचुर मात्रा में पाया जाता है विटामिन-सी  

आंवला फल विटामिन-C का अच्छा सोर्स हैं। आंवले के हरे फलों का प्रयोग अचार बनाने में भी किया जाता है। इसके अलावा आंवले से शैम्पू, हेयर ऑयल, डाई, टूथ पाउडर और फेस क्रीम जैसे कई प्रोडक्ट बनाए जाते हैं। यह एक शाखाओं वाला पेड़ है जिसकी औसत ऊंचाई 8-18 मीटर तक होती है और शाखाएं चिकनी होती हैं। इसके फूल हरे-पीले रंग के होते हैं और दो तरह के होते हैं यानी नर फूल और मादा फूल। साथ ही फल हल्के पीले रंग के होते हैं, भारत में उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश भारत में आंवला की खेती खासतौर पर की जाती है।

नवंबर ने के लिए बेस्‍ट किस्में

अगर आप इस सीजन में आंवले की खेती करना चाहते हैं, तो कुछ उच्च उत्पादक किस्में हैं जो बेहतर पैदावार और अधिक लाभ देती हैं।

NA-7 (नरेंद्र आंवला-7)- यह किस्म तेजी से बढ़ती है और फल आकार में बड़े व स्वाद में खट्टे-मीठे होते हैं।

NA-9- इसकी खासियत है कि फल आकार में बड़े, गूदेदार और चमकदार होते हैं। बाजार में इसकी मांग अधिक रहती है।

चकैया - यह पारंपरिक और लोकप्रिय किस्म है। यह हर प्रकार की मिट्टी में अच्छी तरह फलती है और फलों में रस अधिक होता है।

कृष्णा और कंचन-  ये किस्में रोग प्रतिरोधी होती हैं और कम सिंचाई में भी अच्छी उपज देती हैं।

फ्रांसिस- यह किस्म व्यावसायिक खेती के लिए प्रसिद्ध है. फलों का आकार बड़ा और वजन अधिक होता है।

खेती और सिंचाई

आंवले की खेती के लिए दोमट या हल्की दोमट मिट्टी सर्वोत्तम रहती है। खेत को अच्छी तरह जोतकर गोबर की सड़ी खाद डालें। पौधों के बीच लगभग 8x8 मीटर की दूरी रखें ताकि पेड़ों को फैलने और धूप मिलने की पर्याप्त जगह मिल सके। नवंबर के महीने में पौधारोपण करने से ठंड शुरू होने से पहले पौधे मजबूत जड़ें बना लेते हैं। पहले छह महीने नियमित रूप से हल्की सिंचाई करें।