नवंबर में करें कटहल की बागवानी, बन जाएंगे लखपति

    01-Nov-2025
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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के नगर पंचायत मल्हार के किसान जदुनंदन प्रसाद वर्मा ने अक्टूबर माह में अपने खेत और परिसर में 40 कटहल के पौधों का पौधारोपण किया है। वर्मा का मानना है कि कटहल की खेती किसानों के लिए पोषण और मुनाफा दोनों का साधन है।पूरी तरह जैविक तरीके से खेती कर वे नए बिजनेस मॉडल को आकार दे रहे हैं। कटहल की ओर किसान वर्मा ने बताया कि कटहल का फल ग्रामीण इलाकों में गरीबों का मीटकहा जाता है, क्योंकि इसमें प्रोटीन और पोषण भरपूर मात्रा में होता है।

अक्टूबर-नवंबर कटहल की बागवानी के लिए बेहतर

इसके साथ ही बाजार में कटहल की अच्छी मांग रहती है, जिससे बागवानों को अच्छा मुनाफा हो सकता है। जैविक खाद से बेहतर उत्पादन वर्मा अपने खेतों में केवल गोबर खाद और अन्य जैविक खाद का ही उपयोग करते हैं। उनका कहना है कि जैविक खेती से उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ती है और फसल ज्यादा सुरक्षित रहती है। बागवान वर्मा का कहना है कि अक्टूबर-नवंबर माह कटहल की बागवानी के लिए बिल्कुल सही समय है। इस दौरान पौधे आसानी से जड़ पकड़ लेते हैं और तेजी से बढ़ते हैं।

कटहल की बागवानी से बेहतर मुनाफा

कटहल की बागवानी ने अपने अनोखे स्वाद, पोषण संबंधी लाभों और पाक-कला में बहुमुखी प्रतिभा के कारण काफी ध्यान आकर्षित किया है। दुनिया के सबसे बड़े फलों में से एक के रूप में, कटहल न केवल विभिन्न क्षेत्रों में मुख्य भोजन के रूप में कार्य करता है, बल्कि किसानों के लिए सांस्कृतिक महत्व और आर्थिक क्षमता भी रखता है। विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में पनपने की क्षमता और कम रखरखाव की आवश्यकताओं के साथ, कटहलकी खेती स्थायी बागवानी के लिए एक अवसर प्रस्तुत करती है।