ड्रैगन फ्रूट की नई किस्म विकसीत, वैज्ञानिकों ने जैविक खेती से पाई सफलता

    12-Nov-2025
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नई दिल्ली। कानपुर में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने विदेशी फलों के स्वाद और गुणवता को बढ़ाने में बड़ी सफलता हासिल की है। आर्गेनिक खेती की मदद से वैज्ञानिकों ने न केवल फलों की मिठास बढ़ाई बल्कि उनके आकार और वजन में भी सुधार किया है। इसकी शुरुआत ड्रैगन फ्रूट से हो गई है। वैज्ञानिकों ने ड्रैगन फ्रूट की किचन गार्डेन की पौध भी तैयार की है।

तीन प्रजातियां हो रही हैं तैयार

कुछ सावधानियों के साथ इसे घर पर भी तैयार किया जा सकता है। सीएसए के उद्यान महाविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार विदेशी फल ड्रैगन फूट को कमलम नाम दिया गया है। इस पर आर्गेनिक खेती का प्रयोग किया गया है। कमलम की तीन प्रजातियां होती हैं जिसमें लाल चमड़ी सफेद गूदा, लाल चमड़ी गुलाबी गूदा और पीली चमड़ी सफेद गूदा होता है।

ड्रैगन फ्रूट में आया यह फर्क

ड्रैगन फ्रूट की आर्गेनिक खेती से ड्रैगन फ्रूट की मिठास 15 टीएसएस तक मापी गई, जबकि आमतौर पर यह 11-12 टीएसएस तक होती है। सामान्य ड्रैगन की गोलाई 6.17 सेमी और लंबाई 7.2 लंबाई होती है, जबकि आर्गेनिक विधि से तैयार में फल का आकार आठ सेमी और लंबाई नौ सेमी है।