बिहार के सहरसा में वैज्ञानिकों ने बताया फूलों की खेती का नया तरीका

    13-Nov-2025
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नई दिल्ली। बिहार के किसानों की पहचान अब सिर्फ धान और गेंहू की खेती के लिए सीमित नहीं है। राज्य के सहरसा जिले के किसान फूलों की खेती से बेहतर कमाई कर रहे है। अब यहां की मिट्टी भी फूलों की खुशबू से महक उठेगी। सहरसा की दोमट बालू मिट्टी अब गेंदा और गुलाब जैसे फूलों की खेती के लिए बिल्कुल उपयुक्त मानी जा रही है। स्थानीय किसान फूलों की खेती शुरू करेंगे तो उन्हें इसकी अच्छी कीमत मिलेगी और बाजार तो पहले से ही मौजूद है।

फूलों की खेती के लिए है सहरसा उपयुक्त जगह

सहरसा जिले के उद्यान विभाग के वैज्ञानिक डॉ. पंकज कुमार के अनुसार सहरसा जिले की मिट्टी और जलवायु फूलों की खेती के लिए बेहद अनुकूल है। यहां के किसान अगर परंपरागत फसलों के साथ-साथ फूलों की खेती अपनाएं तो वे बहुत अच्छी आमदनी कमा सकते हैं। फूलों की खेती में बीमारी और कीटों का प्रकोप बहुत कम होता है। का मतलब है कि किसानों को नुकसान कम और मुनाफा ज्यादा मिलता है। अगर किसान सही किस्म के फूल की सही समय पर खेती करें तो यह बेहद लाभदायक साबित हो सकता है।

फूलों की खेती के लिए नवंबर सबसे उपयुक्त महीना

उद्यान विभाग के अनुसार गेंदा और गुलाब फूल की खेती के लिए नवंबर का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है। अभी का समय इस खेती की शुरुआत के लिए बिल्कुल सही है। गेंदा की कई उन्नत किस्में हैं जिसमें पूसा नारंगी, पूसा बसंती, पूसा अर्पिता और स्पंज वैरायटी शामिल है। इन वैरायटी की मांग बाजार में बहुत अधिक रहती है। अगर कोई किसान बीज लगाना चाहता है तो प्रति हेक्टेयर 300 से 400 ग्राम बीज की जरूरत होती है।