
नई दिल्ली। राजस्थान के बाडमेर में किसान फूलों की खेती से बेहतर कमाई कर रहे है। फूलों की खुशबू फैलना किसी चमत्कार से कम नहीं है। मगर सरहदी इलाके बाड़मेर के मिठड़ी गांव में किसान उम्मेदाराम प्रजापत ने यह चमत्कार कर दिखाया है। रेत वाली धरती पर उन्होंने गेंदा, गुलदाउदी और रजनीगंधा जैसे फूलों की खेती शुरू की, जो आज लाखों की कमाई का जरिया बन चुकी है।उम्मेदाराम बताते हैं कि शुरुआत में कई लोग कहते थे कि रेत में फूल खिलना संभव नहीं, लेकिन उन्होंने मेहनत और नई तकनीक के भरोसे अपना प्रयोग शुरू किया। आज वही लोग उनके खेत देखने आते हैं और प्रेरणा लेते हैं. उनकी खेती ने यह साबित कर दिया कि मरुस्थल की जमीन में भी सही तकनीक और प्रबंधन से खेती का भविष्य चमक सकता है।
एक सीजन में 2 से 4 लाख रुपये की कमाई
उम्मेदा राम की फूल खेती आज सिर्फ गाँव में नहीं, बल्कि पूरे जिले में चर्चा का विषय बन चुकी है। उनके खेत में उगने वाले फूलों की सप्लाई।इस क्षेत्र में पानी की कमी सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन उम्मेदाराम ने ड्रिप इरिगेशन सिस्टम अपनाकर इस समस्या को अवसर में बदल दिया। इस तकनीक से उन्हें कई फायदे मिले।
कम पानी में अधिक उत्पादन।
पौधों तक सीधे पोषक तत्व पहुँचना।
मिट्टी की नमी लंबे समय तक बने रहना।
वे बताते हैं कि जैविक खाद के उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ी और फूलों की पैदावार भी बेहतर हुई।