
नई दिल्ली। बीते कुछ वर्षों में फलों के बीच अमरूद का बाजार तेजी से बढ़ा है। खासकर सर्दियों के मौसम में इस फल की मांग अन्य फलों की तुलना में काफी अधिक देखी जाती है। भोजपुर कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्व प्रमुख एवं कृषि वैज्ञानिक के अनुसार यदि किसान कम क्षेत्र में अच्छी किस्म के अमरूद की बागवानी करें, तो वे अच्छी कमाई कर सकते हैं, क्योंकि हाल के समय में अमरूद की कई ऐसी किस्में बाजार में उपलब्ध हैं जो 80, 100 और 150 रुपये प्रति किलो तक बिक रही हैं।
कम समय में अधिक मुनाफा
ताइवानी पिंक अमरूद के बारे में बताते हैं कि यह कम समय में किसानों को अधिक मुनाफा देने वाली किस्म है। यह साल में कम से कम दो से तीन बार फल देता है और इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे गमले में भी आसानी से उगाया जा सकता है।
ताइवानी अमरूद की खासियत
ताइवानी पिंक अमरूद की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें 6 से 8 महीने में फल आना शुरू हो जाते हैं। इसके अंदर का भाग पिंक होता है। इसमें बीजों की संख्या भी कम होती है। इसके पौधे की ऊंचाई बहुत अधिक नहीं होती, इसलिए शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी इसे गमलों में उगा सकते हैं।
कैसी हो मिट्टी?
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, ताइवानी पिंक अमरूद लगाने के लिए दोमट मिट्टी सबसे बेहतर मानी जाती है, हालांकि इसे लगभग किसी भी मिट्टी में लगाया जा सकता है। बस ध्यान रहे कि खेत या जिस स्थान पर इसे लगाया जा रहा है, वहां जल जमाव न हो। वहीं, पौधों को 6 से 8 घंटे धूप मिलना जरूरी है।
कब लगाएं ताइवानी पिंक अमरूद
किसान के पास सिंचाई की व्यवस्था है, तो फरवरी से मार्च के बीच ताइवानी पिंक अमरूद के पौधे लगाए जा सकते हैं। यदि पानी की थोड़ी कमी हो, तो इसे मई से जून के महीनों में भी लगाया जा सकता है। क्योंकि इस दौरान मॉनसून की शुरुआत होती है और अतिरिक्त सिंचाई की जरूरत कम पड़ती है।