अमरूद की बागवानी छोटे किसानों के लिए बन रही बेहतर कमाई का जरिया

    21-Nov-2025
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नई दिल्ली। अमरूद की बागवानी छोटे किसानों के लिए कमाई का एक बेहतर जरिया बनती जा रही है। कृषि से जुड़े जानकारों की मानें तो कई मामलों में अमरूद सेब से बेहतर है। हाल के समय में अमरूद की कीमत 100 रुपये से लेकर 200 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है, जो सेब की कीमत के करीबकरीब बराबर है। भोजपुर कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्व हेड कृषि वैज्ञानिक डॉ. प्रवीण कुमार द्विवेदी के अनुसार जैसे बकरी को गरीबों की गाय कहा जाता है। इसी प्रकार अमरूद को गरीबों का सेब कहा जाता है। बिहार जैसे राज्य के लघु और सीमांत किसानों के लिए अमरूद की खेती कम लागत में अच्छी कमाई करवा सकती है।

इन किस्मों का करें चयन

कृषि वैज्ञानिक डॉ.प्रवीण कुमार द्विवेदी कहते हैं कि अगर किसान को अमरूद की बागवानी करनी है तो वे किस्मों का चयन राज्य के जलवायु और वहां की मिट्टी के अनुसार करें। वैसे बिहार में अच्छी किस्मों में इलाहाबादी सफेदा, केजी ग्वाभा, मृदुला के किस्मों को किसान प्रमुखता से लगा सकते हैं। वहीं, अमरूद की सबसे बड़ी फल वाली किस्मों में वीएनआर बीही और सुपर जंबो अमरूद शामिल हैं।जो 1 किलो से अधिक वजन तक पहुंच सकती हैं।

अमरूद लगाने का समय

कृषि वैज्ञानिक के अनुसार किसान साल में तीन बार अमरूद के पौधे लगा सकते हैं। जिसमें अगर किसान के पास सिंचाई की समुचित व्यवस्था है तो वे फरवरीमार्च में अमरूद की बागवानी कर सकते हैं। वहीं, अगर पानी की थोड़ी कमी है तो वैसी स्थिति में मईजून में लगाने से वर्षा के पानी का फायदा होता है। जहां आंशिक जल जमाव की समस्या का अनुभव हो वहां पर अगस्त से सितंबर के मध्य में रोपाई करना उचित माना जाता है।