चेकपोस्ट पर कुल्लू के सेब का होगा सही लेखा-जोखा

    24-Nov-2025
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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में जिले में सेब उत्पादन का वास्तविक आंकड़ा सामने लाने के लिए एपीएमसी ने करीब आठ साल बाद बजौरा चेकपोस्ट को दोबारा सक्रिय कर दिया है। बाहरी राज्यों की मंडियों में सीधे भेजी जा रहीं सेब पेटियों का अब पंजीकरण हो रहा है। इससे न केवल उत्पादन का पूराहिसाब मिलेगा, बल्कि एपीएमसी ने इस बार 40 लाख रुपये का अतिरिक्त राजस्व भी जुटाया है।

13 लाख 14 हजार 85 पेटियां सेब मंडियों में

 सिर्फ कुल्लू घाटी से ही दूसरे राज्यों की मंडियों में सीधे जाने वाली सेब की पेटियों का आंकड़ा दर्ज किया गया है। इस बार घाटी से 13 लाख 14 हजार 85 पेटियां सेब की सीधे बाहरी मंडियों में भेजी गई हैं। एपीएमसी की चौकी में दर्ज इन आंकड़ों में 10 किलोग्राम की 57254 और 20 किलोग्राम की 12 लाख 56 हजार 831 पेटियां शामिल हैं। गौरतलब है कि 2015-16 तक भी बजौरा ने चेकपोस्ट थी। फोरलेन के निर्माण कार्य के चलते चेकपोस्ट बंद हो गई थी। इससे एपीएमसी को भी हर साल लाखों रुपये के राजस्व से वंचित रहना पड़ रहा था।

बंजार, आनी और निरमंड अभी व्यवस्था नहीं

बंजार, आनी और निरमंड क्षेत्र से सब्जी मंडियों को छोड़कर सीधे बाहरी सब्जी मंडियों में जा रहे सेब का रिकॉर्ड रखने और उससे शुल्क लेने का अभी तक कोई प्रावधान नहीं है। इस कारण अभी इन क्षेत्रों के सेब उत्पादन का भी वास्तविक आंकड़े का रिकॉर्ड नहीं बन पा रहा है। न ही एपीएमसी को इसका शुल्क मिल रहा है।