
नई दिल्ली। भारत की बागवानी यानी हॉर्टिकल्चर सेक्टर ने इस साल बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 2024-25 के तीसरे अग्रिम अनुमान बताते हैं कि देश में कुल बागवानी उत्पादन 4 फीसदी बढ़कर 369.05 मिलियन टन हो गया है। यह बढ़त सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि किसानों की मेहनत, नई तकनीक का इस्तेमाल और सरकार की योजनाओं के सही तरीके से लागू होने का परिणाम है।
उत्पादन में बढ़ोतरी
पिछले साल के मुकाबले इस बार 14.31 मिलियन टन ज्यादा उत्पादन हुआ है। बागवानी फसलों के अंतर्गत आने वाले कुल क्षेत्रफल में भी बढ़ोतरी हुई है, जो बढ़कर 29.488 मिलियन हेक्टेयर हो गया है। यानी किसान अब ज्यादा जमीन पर फल, सब्जियां और मसालों जैसी फसलें उगा रहे हैं।
फलों का उत्पादन
इस साल भारत में फलों का उत्पादन 118.76 मिलियन टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। करीब 5.12 फीसदी की बढ़ोतरी के पीछे कई प्रमुख फलों की शानदार पैदावार रही। केला, आम, पपीता, अमरूद, तरबूज और संतरा इन फलों ने कुल उत्पादन को ऊपर खींचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मसालों और औषधीय पौधों की खेती में इजाफा
भारत मसालों की धरती माना जाता है और इस साल भी यह परंपरा कायम रही। मसालों का कुल उत्पादन बढ़कर 12.50 मिलियन टन हो गया है, जिसकी वजह लहसुन, अदरक और हल्दी की बेहतर फसल रही। औषधीय और सुगंधित पौधों का उत्पादन भी बढ़कर 7.81 लाख टन पहुंच गया है। यह संकेत है कि किसान अब वैकल्पिक खेती में भी रुचि दिखा रहे हैं।