
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में अब स्वयं सहायता समूह की महिलाएं फूलों की खेती करेंगी। फूल बेचकर जहां उनकी आय में इजाफा होगा और आत्मनिर्भर भी बन सकेंगी। इच्छुक महिलाओं का जल्द चयन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के रोजगार उपायुक्त सूबेदार सिंह के अनुसार जिले में 13 हजार 608 स्वयं सहायता समूह संचालित हैं। मिशन की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि महिलाओं को कुछ न कुछ काम कराकर उनकी आय में इजाफा किया जाए। इसके लिए उनका सहयोग और ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
जिनके पास जमीन उन्हें पहली प्राथमिकता
पहली प्राथमिकता उन महिलाओं को दी जाएगी, जिनके पास अपनी जमीन होगी। साथ ही वह खेती से जुड़ी हों। इच्छुक महिलाओं का चयन होने के बाद उन्हें फूलों की खेती करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। उनके द्वारा तैयार किए गए फूलों को बाजार में बेचने के लिए भी मिशन की ओर से सहयोग किया जाएगा।
फूलों की खेती के फायदे
फूलों की खेती के कई फायदे हैं, जिनमें आर्थिक मुनाफा, रोजगार सृजन, और पर्यावरण संरक्षण शामिल हैं। यह कम लागत में अधिक लाभ प्रदान करती है, विशेषकर त्योहारों और शादियों के मौसम में फूलों की भारी मांग के कारण। यह पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाती है, जैसे कि परागणकों को बढ़ावा देना और ग्रामीण समुदायों में रोजगार के अवसर पैदा करना।