आम की बागवानी करने पर मिलती है सब्सिडी, यहां कर सकते है आवेदन

    27-Nov-2025
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नई दिल्ली। आम को फलों का राजा कहा जाता है और यह भारत का राष्ट्रीय फल भी है। भारत में आम की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है, खासकर आम उत्तर प्रदेश के महत्वपूर्ण फलों में से एक है। प्रदेश में 2.6 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आम की खेती से 45 लाख टन आम पैदा होता है। इसी बीच उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग के द्वारा किसानों को आम की बैगिंग के लिए dbt.horticulture.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। राष्ट्रीय एकीकृत बागवानी मिशन योजना (MIDH) के तहत किसानों को आम की बैगिंग के लिए प्रति एक हेक्टेयर 25 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। दरअसल, बागवानी विभाग अब इस प्रक्रिया को बढ़ावा दे रहा है ताकि किसानों को अधिक लाभ मिल सके।

बंपर उत्पादन का फार्मूला?

आम के फलों की बेगिंग से आम को कई सारे होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। इस तकनीक में आमों को पेड़ पर ही ढक दिया जाता है, जिससे कई आमों को जलने और गर्मा से बचाया जा सकता है। आमों की बेगिंग से आम एक दम लाल रंग के निखर कर आते हैं। बेगिंग में इस्तेमाल होने वाले बैग पेपर से बने होते हैं जिससे इनमें कीड़े लगने की परेशानी भी खत्म हो जाती है।

किसानों ने किया 50 लाख पेपर बैग का इस्तेमाल

आम के प्रगतिशील किसान उपेंद्र कुमार सिंह के अनुसार इस सीजन में उत्तर प्रदेश में किसानों ने 50 लाख पेपर बैग का इस्तेमाल किया। जिससे डेढ़ हजार हेक्टेयर में लगे दशहरी आम के पैदावार पर असर दिखा। पेपर लगे आम में ना तो कीड़े लगे। ना ही उनके साइज छोटे हुए और ना ही उनका रंग फीका पड़ा। जिससे मार्केट में अच्छे दाम मिले। वहीं नान पेपर बैगिंग वाले आम की कीमत मार्केट में कम मिली। यहां के दशहरी, लंगड़ा, चौसा, आम्रपाली, गौरजीत आदि की अपनी एक अगल पहचान है।