
नई दिल्ली। शिमला जिले में विभागीय बगीचों में ट्रायल के तौर पर जापानी फल का डेमो बगीचा स्थापित किया जाएगा। शिमला जिले के उद्यान विभाग के अनुसार उद्यान विभाग शिमला की उपनिदेशक सुदर्शना नेगी ने डोडरा और क्वांर क्षेत्र में रविवार को आयोजित कार्यालय से बागीचा कार्यक्रम के व्यावहारिक प्रशिक्षण शिविर में कही। उन्होंने कहा कि ट्रायल सफल होने पर बागवानों को इस फसल को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा जिससे नवंबर में फल तुड़ान के समय 200 से 250 रुपये प्रति किलो के उच्च मूल्य पर बेहतर आमदनी हो सकेगी।
दुर्गम क्षेत्रों में बागवानी गतिविधियों का बढ़ावा
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दुर्गम क्षेत्रों में बागवानी गतिविधियों को वैज्ञानिक पद्धति से बढ़ावा देना और किसानों को आधुनिक तकनीकों से सशक्त बनाना है। बागवानों को बताया कि हर घर में मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए हाइव 1000 रुपये और अधिकतम पांच हाइव पर 5000 रुपये तक का अनुदान उपलब्ध है। इससे घरेलू मधुमक्खियों का संरक्षण होगा और परागण में वृद्धि से सेब की वार्षिक उपज में सकारात्मक सुधार होगा। प्रशिक्षण के दौरान बागवानों के साथ संवाद भी किया गया जिसमें सेब, अखरोट और जापानी फल पौध बर्फबारी से पूर्व उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया गया और पुराने बगीचों में नए बगीचे लगाने के लिए तकनीकी मार्गदर्शन की मांग की गई।