
नई दिल्ली। सर्दियों के मौसम में पेड़-पौधों की देखभाल करना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि रोग और कीटों का खतरा बढ़ जाता है, जो फलों की गुणवत्ता और पैदावार पर असर डाल सकता है। वहीं सर्दियों में आंवला के पेड़ की देखभाल करना कैसे करनी चाहिए जमुई कृषि विज्ञान केंद्र के पौधा संरक्षण विशेषज्ञ डॉ. मुकुल कुमार के अनुसार सर्दियों में आंवला के बागानों की सुरक्षा के लिए समय पर देखभाल और सही उपाय करना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि सर्दियों में आंवला के पेड़ों में होने वाले प्रमुख रोगों की पहचान कर उनसे बचाव के उपाय अवश्य किए जाने चाहिए।
मृदु सड़न रोग लगने का खतरा
सर्दियों में आंवला के पेड़ों में मृदु सड़न रोग लगने का खतरा होता है। यह रोग फलों पर भूरे धब्बे बना देता है, जो कुछ ही दिनों में पूरे फल को खराब कर सकते हैं। यह रोग पके और अधपके दोनों प्रकार के फलों पर तेजी से फैलता है। इसके अलावा, जून से जनवरी तक सक्रिय रहने वाला गुठलीभेदक कीट भी आंवला के फलों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। यह कीट फलों के अंदर घुसकर उन्हें खराब कर देता है, जिससे फलों की गुणवत्ता में गिरावट आती है और बाजार में उनकी मांग कम हो जाती है।
कीटनाशक का करें प्रयोग
रोग और कीटों से बचाव के लिए किसान कुछ उपाय अपना सकते हैं। बगीचे में नियमित गुड़ाई करनी चाहिए और जड़ों के पास पानी का संचय नहीं होने देना चाहिए। पौधों में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए एक वर्ष पुराने पौधों में 10 किलोग्राम गोबर खाद, 100 ग्राम नाइट्रोजन, 50 ग्राम फॉस्फोरस और 75 ग्राम पोटाश डालने की सलाह दी गई है।