
नई दिल्ली। त्रिपुरा सरकार के हॉर्टिकल्चर और सॉइल कंज़र्वेशन डिपार्टमेंट ने पहाड़ी इलाकों में संतरे की खेती को नए इलाकों में बढ़ाने और प्रोडक्शन बढ़ाने के साथ-साथ पूरे राज्य में फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। सरकार ने गुरुवार को कहा कि एग्रीकल्चर, हॉर्टिकल्चर और सॉइल कंज़र्वेशन मंत्री रतन लाल नाथ ने अगरतला के बाहरी इलाके में बदरघाट प्रोजेनी ऑर्चर्ड में स्टेट लेवल ऑरेंज फेस्टिवल 2025 का उद्घाटन करते हुए कहा कि खेती राज्य और देश की नींव है।उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट टीम की सलाह के अनुसार, हॉर्टिकल्चर और सॉइल कंज़र्वेशन डिपार्टमेंट ने वेस्ट त्रिपुरा के बारामुरा, खोवाई और गोमती जिलों और धलाई जिले के सखान हिल्स के पहाड़ी इलाकों में संतरे की खेती के नए इलाकों को बढ़ाने और प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। नाथ ने आगे कहा कि GDP में लगभग 46 परसेंट कंट्रीब्यूशन किसानों से आता है। बाकी टूरिज्म, सर्विस सेक्टर वगैरह से आता है। एक समय था जब लोग खेती को नज़रअंदाज़ करने लगे थे, लेकिन अब उन्होंने इसे फिर से शुरू कर दिया है।
ऑरेंज फेस्टिवल होगा आयोजित
मिज़ोरम से सटे जिरानिया, जम्पुई हिल्स, सखांग और किला में भी संतरे की खेती होती है। त्रिपुरा सरकार के मंत्री ने कहा कि BJP सरकार आने के बाद से राज्य सरकार किसानों को हर मदद कर रही है। उन्होंने आगे कहा, "हम हर घर में रोज़गार चाहते हैं। पहले प्याज़ की खेती के लिए ऐसे कदम नहीं उठाए गए थे। लेकिन हमारे एग्रीकल्चर साइंटिस्ट ने साबित कर दिया है कि त्रिपुरा भी अच्छी मात्रा में प्याज़ उगा सकता है। हमने एपिकल रूटेड कटिंग आलू की खेती भी शुरू की है, जिसकी किसानों के बीच बहुत डिमांड है।" इस साल का ऑरेंज फेस्टिवल अगरतला के पास बधारघाट में शुरू हुआ।