
नई दिल्ली। आम के पेड़ पुराने हो जाते हैं, तो वे फल देनाबंद कर देते है। इसका मुख्य कारण यह है कि पुराने बाग बहुत घने हो जाते हैं, जिससे पेड़ों तक धूप, रोशनी और ताजी हवा नहीं पहुंच पाती। इस वजह से पेड़ों में प्रकाश-संश्लेषण और भोजन बनाने की क्रिया ठीक से नहीं हो पाता और कीट-रोगों का हमला भी बढ़ जाता है। अगर आपके आम के पुराने पेड़ फल देना बंद कर दिया है, तो उन्हें काटने की जरूरत नहीं है।सीआईएसएच, लखनऊ की तकनीक से इन बूढ़े पेड़ों का 'जीर्णोद्धार' या 'कायाकल्प' करके इन्हें फिर से जवान और फलदायी बनाया जा सकता है।
आम के पुराने पेड़ को नाया कैसे बनाएं
आम के पेड़ों की कटाई-छंटाई के लिए 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच का समय सबसे अच्छा माना जाता है। सबसे पहले पेड़ की 3 से 4 मुख्य और मजबूत शाखाओं को चुनें जो बाहर की तरफ जा रही हों। इनके अलावा बाकी सभी शाखाओं को तने के पास से ही काट कर हटा दें। इसके बाद पेड़ को 3 से 4 मीटर की ऊंचाई पर से काट दें, ताकि पेड़ का ऊपरी घना हिस्सा हट जाए। जिसके बाद से पेड़ नया पेड़ के तरह फल देने लगेगा।
इन बातों का रखे ध्यान
पेड़ की कटाई के बाद, उसकी कटी हुई डालियों पर बीमारी से बचाव के लिए लेप लगाना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप या तो कॉपर ऑक्सीक्लोराइड और अरंडी के तेल का पेस्ट, या फिर देसी गाय के गोबर और पीली मिट्टी का लेप इस्तेमाल कर सकते पेड़ की कटाई के बाद, फरवरी में उन्हें भरपूर पोषण दें, जिसमें प्रति पेड़ 120 किलो गोबर की खाद, 3 किलो यूरिया, 1.5 किलो फॉस्फोरस, 1.5 किलो पोटाश और थोड़ी नीम की खली शामिल है। कटाई के बाद पहले और दूसरे साल में ही, बची हुई पुरानी शाखाओं से 50 से 150 किलो प्रति शाखा तक फल मिल जाते हैं। फिर लगभग तीन साल में, वही पुराना पेड़ एक नया और छोटा आकार लेकर दोबारा ज्यादा फल देने लगता है।
कटाई के बाद पहले और दूसरे साल में ही, बची हुई पुरानी शाखाओं से 50 से 150 किलो प्रति शाखा तक फल मिल जाते हैं। फिर लगभग तीन साल में, वही पुराना पेड़ एक नया और छोटा आकार लेकर दोबारा ज्यादा फल देने लगता है।