
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में आम की बागवानी करने वाले बागवानों के लिए को एक राहत भरी खबर है। राजधानी लखनऊ स्थित मेटा एग्रीटेक प्राइवेट लिमिटेड ने अवध आम उत्पादक बागवानी समिति, नबीपनाह, मलिहाबाद के साथ मिलकर 'कवच संरक्षण प्लान' के तहत आम के बागों की वैज्ञानिक कटाई-छंटाई के कार्य का शुभारंभ किया। यह आयोजन जीतबहादुर मार्केट, वाजिदनगर चौराहा, अंधे की चौकी रोड, मलीहाबाद में हुआ। इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत लखनऊ स्थित सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ फॉर सबट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर रहमानखेड़ा के निदेशक डॉ टी दामोदरन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
कवच संरक्षण प्लान' का हुआ शुभारंभ
इस कार्यक्रम का उद्देश्य मेटा एग्रो और अवध आम उत्पादक एवम बागवानी समिति द्वारा आम के बागिचा की देखभाल और उत्पादकता में सुधार हेतु 'कवच संरक्षण प्लान' सेवा का शुभारंभ था। मेटा एग्रो द्वारा कवच संरक्षण प्लान के तहत वैज्ञानिक तरीके से बागों की कटाई-छंटाई व पोषण और कीट प्रबंधन किस प्रकार किया जाएगा। वहीं हर बाग का ऑर्चर्ड लॉग बुक, पेड़ों की जियो टैगिंग और डिजिटल मैपिंग के बारे में भी बताया जा रहा है।
आम के पेड़ों की कटाई-छंटाई जरूरी
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने अवध आम उत्पादक एवम बागवानी समिति को 74 बागों की वैज्ञानिक कटाई-छंटाई करने की अनुमति प्रदान की है। उपेंद्र कुमार सिंह ने बागवानों को संबोधित करते हुए कहा कि ज़्यादा से ज़्यादा किसान इस सेवा का लाभ उठायें और अपने बागों में अधिक से अधिक तकनीक और वैज्ञानिक प्रबंधन को अपना कर बाज़ार में वर्चस्व कायम करें। उन्होंने कहा कि आम के बेहतर फलन, अच्छे उत्पादन और न्यूनतम रोग के लिए वैज्ञानिक तकनीक से आम के पेड़ों की कटाई-छंटाई बेहद जरूरी है. वहीं मौजूदा समय आम की कटाई-छंटाई कर लिए काफी उपयुक्त हैं.