बागेश्वर में कीवी की सफल पैदावार,बागवानों की आय में बढ़ोतरी

    03-Nov-2025
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नई दिल्ली। उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के कपकोट के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बागवानों के लिए कीवी की खेती वरदान साबित हो रही है। इस क्षेत्र के बागवान कीवी की खेती को अपनाकर उत्पादन कर रहे हैं। वर्ष 2024 में किसानों ने 1.5 क्विंटल कीवी का उत्पादन किया था। वर्ष 2025 में क्षेत्र में कीवी उत्पादन बढ़कर 3.5 क्विंटल से अधिक हो गया है। अच्छी पैदावार से क्षेत्र के अन्य गांवों के किसान भी उत्साहित हो रहे हैं। इस क्षेत्र के बागवान बढ़ी संख्या में कीवी का उत्पादन कर रहे हैं। कीवी उत्पादन से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। क्षेत्र में उत्पादित कीवी की देश के विभिन्न राज्यों में मांग बढ़ रही है।

बागवानी विभाग बागवानों को प्रेरित कर रही है

बागवानी विभाग जिले के बागवानों को कीवी के उत्पादन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। कांडा क्षेत्र के कभाटा, धपोली, घिंघारूतोला और देवल बिछराल में किसान कीवी की बागवानी को अपना रहे हैं। अब तक क्षेत्र में 15-20 किसान कीवी की बागवानी कर रहे हैं। उद्यान सचल केंद्र की ओर से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में किसानों ने वर्ष 2024 की अपेक्षा इस वर्ष तीन गुना अधिक उत्पादन किया है। क्षेत्र की कीवी बाजार में 250 से 300 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है।

कीवी की खेती के लिए ठंडी जलवायु

कीवी की खेती के लिए ठंडी जलवायु, हल्की अम्लीय दोमट मिट्टी और अच्छी जल निकासी वाले खेत की आवश्यकता होती है। इसमें 15 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान में रोपाई की जाती है और गर्मियों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ज़्यादा नहीं होना चाहिए। इसके लिए प्रति पौधा 1.5 से 2.5 मीटर की दूरी पर 1मीटर चौड़े और 2फीट गहरे गड्ढे तैयार किए जाते हैं, जिनमें जैविक खाद और रासायनिक उर्वरक मिलाए जाते हैं।