इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के गजरौला (अमरोहा) चैप्टर की एक बैठक आयोजित, बीज विधेयक 2025 का किया गया विरोध

    30-Nov-2025
Total Views |


नई दिल्ली। 29 नवंबर 2025 को इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के अमरोहा जिले में गजरौला चैप्टर की एक बैठक नव-बाहर नर्सरी, सिहाली जगीर में आयोजित की गई। इस बैठक में प्रस्तावित सीड एक्ट 2025 का विरोध किया गया। बैठक में नर्सरी और बागवानी विशेषज्ञों ने नर्सरियों को प्रभावित करने वाले बीज विधेयक 2025 का कड़े शब्दों में विरोध किया गया। सभी प्रतिभागियों का मत था कि यदि यह एक्ट लागू होता है, तो नर्सरी चलाना कठिन हो जाएगा, अधिकांश नर्सरियाँ बंद हो जाएँगी और बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियाँ चली जाएँगी। इसलिए यह तय किया गया कि पूरे देश के नर्सरी संचालकों द्वारा विरोध किया जाना चाहिए।

नर्सरियों को सीड एक्ट 2025 से बाहर रखने की मांग

इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के सदस्यों ने यह भी निर्णय लिया कि एक फॉर्मा भरकर 11 नवंबर तक अधिक से अधिक संख्या में इस एक्ट के विरोध में इमेल भेजा जाएगा। और संबंधित सांसदों व विधायकों को लिखित प्रार्थना-पत्र दिए जाएँ ताकि नर्सरियों को प्रस्तावित सीड एक्ट 2025 से बाहर रखा जाए। इस बैठक में इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के अध्यक्ष वाई.पी. सिंह ने नर्सरी से जुड़े हुए लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि इस समय नर्सरी व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को एकजुट रहने का आव्हान किया उन्होंने कहा कि बीज विधेयक 2025 पूरे तौर पर नर्सरियों को खत्म कर देगी। इस बैठक में इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन केमहासचि मुकुल त्यागी, संयुक्त सचिव ग़ालिब ख़ान, यूपी चैप्टर अध्यक्ष रफ़ीक़ ख़ान, नर्सरी टुडे के प्रधान संपादक मेहर-ए-आलम ख़ान तथा संगठन के पूर्व  अध्यक्ष अजय वंश नारायण सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।

क्या हैं सीड एक्ट 2025

1966 में बीज अधिनियम अब उस जमाने की जरूरतों पर आधारित था। जब कृषि में न तो आधुनिक तकनीकें थीं और न ही वैश्विक स्तर पर बीज व्यापार इतना विस्तृत था। आज के बदलते समय में किसानों को आधुनिक हाइब्रिड बीज,गुणवत्ता प्रमाणित किस्में, आयातित बीज और ग्लोबल वैरायटी तक पहुंच चाहिए। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि यह विधेयक सभी जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इस विधयक का उदेश्य है कि किसानों को प्रमाणित, सुरक्षित और किफायती दरों पर बेहतर क्वालिटी के बीज उपलब्ध हों और नकली तथा घटिया बीजों की बिक्री पर सख्त कार्रवाई हो सके।