
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में अब खेती किसानी में नित नए प्रयोग करके किसान अपनी पहचान बना रहे हैं। जिले के बेवर विकासखंड के गांव वैरागपुर भूड़नगरिया के प्रगतिशील किसान ने परंपरागत खेती आलू, लहसुन, गेहूं, धान से ध्यान हटाकर सफेद चंदन के पेड़ रोपकर नई पहल की है। सफेद चंदन की खेती को देखने के लिए शहर से लोग गांव पहुंच रहे हैं। वैरागपुर भूड़नगरिया के रहने वाले सुदीप राजपूत प्रगतिशील किसान के साथ फार्मासिस्ट का डिप्लोमा भी किए हुए हैं। उनके पास छह बीघा ही खेती योग्य जमीन है। साढ़े तीन बीघा खेत में आलू, लहसुन और गेहूं की खेती करते हैं। ढाई बीघा खेत में सफेद चंदन के 120 पेड़ रोप चुके हैं। उचित देखभाल के चलते यह पेड़ तेजी से फल फूल रहे हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा के चारखी दादरी से वह दो साल पहले सफेद चंदन के पौधे खरीदकर लाए थे।
चंदन की बागवानी से देखकर मिली प्रेरणा
इन पौधों को लाने में 36 हजार रुपये का खर्चा आया था। इसके बाद से इनकी देखभाल में साल में लगभग पांच से सात हजार रुपये का खर्चा आता है। सुदीप ने बताया कि फर्रुखाबाद जिले के मझिगवां के रहने वाले उनके मित्र सुमित शाक्य से सफेद चंदन की खेती करने की प्रेरणा मिली। सुमित 12 बीघा खेत में सफेद चंदन की खेती कर रहे हैं। सुदीप ने बताया कि पहले परिवार वाले तैयार नहीं थे। लेकिन सुमित की बागवानी देखने के बाद उन्होंने सफेद चंदन की खेती के लिए सहमति दे दी।
चंदन की बागवानी से होती है बेहतर कमाई
सफेद चंदन की खेती के मुख्य फायदे हैं कि यह उच्च आर्थिक लाभ देती है, जिसमें 12-15 साल में एक पेड़ से लाखों की कमाई हो सकती है। इसकी खेती कम पानी और बंजर जमीन पर भी की जा सकती है, जिससे यह कम संसाधनों वाले किसानों के लिए भी व्यवहार्य है। इसके औषधीय, कॉस्मेटिक और पारंपरिक उपयोगों के कारण इसकी मांग लगातार बनी रहती है।