
नई दिल्ली। आजकल लोग अपने घरों में किचन गार्डन बनाने में ज्यादा रुचि लेने लगे हैं। ताजे फल और सब्जियों के लिए बाहर से खरीदारी करने की बजाय, घर पर ही स्वस्थ और स्वच्छ उत्पाद उगाना बहुत फायदेमंद हो गया है। इसी कड़ी में काजू का पौधा उगाना भी अब आसान हो गया है। काजू केवल स्वाद में ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी है। इसके नियमित सेवन से दिल की सेहत बेहतर रहती है, दिमाग तेज होता है और वजन भी नियंत्रित रहता है।
नर्सरी से खरीदे पौधे
किचन गार्डन में काजू उगाने के लिए सबसे पहले आपको काजू के बीज या छोटे पौधे की जरूरत होगी। अगर आप बीज से शुरू करते हैं तो सबसे पहले ताजे काजू को हल्का भिगोकर रखें। इससे बीज जल्दी अंकुरित होंगे। इसके बाद इसे गमले या बर्तन में हल्की मिट्टी में लगाएं। मिट्टी अच्छी तरह से नमी बनाए रखने वाली होनी चाहिए। पौधे को अच्छी वृद्धि के लिए जैविक खाद या रासायनिक खाद का उपयोग किया जा सकता है। घर में बनने वाली कम्पोस्ट खाद भी काजू के पौधे के लिए काफी लाभकारी है। खाद को मिट्टी में मिलाकर पौधे को पोषण दें। इसके अलावा समय-समय पर पौधे की जड़ों के आसपास मिट्टी को ढीला करना भी जरूरी है।
कीटों और रोग बचाएं
काजू का पौधा रोगों और कीटों से प्रभावित हो सकता है। इसके लिए समय-समय पर पौधे की पत्तियों और शाखाओं की जाँच करें। अगर किसी भी पत्ती पर कीट दिखाई दें तो उसे तुरंत हटा दें या प्राकृतिक कीट नाशक का इस्तेमाल करें। काजू के पौधे की नियमित छंटाई करना भी जरूरी है. इससे पौधा स्वस्थ रहता है और अच्छे फलों की संभावना बढ़ती है।
महाराष्ट्र में होती है सबसे ज्यादा काजू की खेती
भारत काजू उत्पादन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। देश के कई राज्यों में काजू की खेती की जाती है, लेकिन महाराष्ट्र ऐसा राज्य है जो पूरे देश में सबसे अधिक काजू उत्पादन करता है। काजू न केवल स्वादिष्ट ड्राई फ्रूट है बल्कि यह भारत के किसानों के लिए आय का एक अहम स्रोत भी है। लोग इसे बड़े चाव से खरीदते और खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में काजू का सबसे अधिक उत्पादन कहां होता है।