बागवानों की तकदीर बदल देगा गुलाब की खेती, 6 महीने में बन जाएंगे लखपति

    05-Nov-2025
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नई दिल्ली। देश में फूलों की खेती का रकबा लगातार बढ़ते जा रहा है। उत्तर प्रदेश में भी बड़े पैमाने पर फूलों की खेती किसान करने लगे हैं। खासकर गुलाब की खेती भी किसान करने लगे हैं। गुलाब की खेती किसानों के लिए कमाई का बेहतर विकल्प साबित हो रहा है। खूबसूरती और महक के लिए मशहूर गुलाब की मांग न केवल घरेलू बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ रही है। अगर आप भी गुलाब की खेती की योजना बना रहे हैं,

गुलाब की खेती के लिए दोमट मिट्‌टी उपयुक्त

राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के अनुसार, गुलाब की खेती के लिए सबसे पहले सही जमीन और जलवायु का चयन करना बेहद जरूरी है। गुलाब की खेती हल्की दोमट मिट्टी और जल निकासी की उचित व्यवस्था वाले खेतों में कर सकते हैं। गुलाब के पौधे को बढ़ने के लिए 25-30 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है। यह पौधा ठंडे और गर्म दोनों ही मौसम में ठीक से बढ़ता है, लेकिन अत्यधिक ठंड और गर्मी इसके लिए हानिकारक साबित होता है। गुलाब की नर्सरी से पौधे खरीदे जाते हैं, जिन्हें 30x30x30 सेंटीमीटर के गड्ढों में लगाया जाता है।

एक एकड़ से दो लाख तक मुनाफा

गुलाब की तुड़ाई आमतौर पर 6-8 महीने के बाद शुरू हो जाती है। एक बार फूलों की तुड़ाई के बाद बाजार में इनकी अच्छी कीमत मिल सकती है। एक हेक्टेयर गुलाब की खेती से लगभग 1.5 लाख से 2 लाख गुलाब के फूल प्राप्त किए जा सकते हैं। बाजार में इसकी कीमत मौसम और मांग के अनुसार बदलती रहती है। औसतन, एक हेक्टेयर से 5-8 लाख रुपये तक की कमाई हो सकती है।

पर्यावरण के अनुकूल होता है देसी गुलाब

गुलाब की खेती करने वाले किसानों के बीच वैरायटी का चयन करना आम है। किसान अपनी उपयोगिता के अनुसार किस्म का चयन करते हैं। हाइब्रिड गुलाब की किस्में रंग, आकार और गुणवत्ता में श्रेष्ठ होती है। वहीं देसी गुलाब की किस्में कम लागत में तैयार होती है और इनकी खेती स्थानीय बाजार के लिए उपयुक्त होती है। हालांकि, उत्पादन हाइब्रिड की तुलना में कम होता है, लेकिन यह पर्यावरण के अनुकूल होती है और इनका स्वाद भी बेहतर माना जाता है।