पारंपरिक खेती को किया अलविदा, फूल की खेती ने बदली किसान की किस्मत

    06-Nov-2025
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नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के किसान अब खेती की तरीका बदलकर खेती कर रहे है।जहां कभी खेतों में कपास, सोयाबीन और गेहूं की फसलें लहलहाती थीं। वहीं अब बागवानी और फूलों की खुशबू से किसानों को बेहतर कमाई हो रही है। प्रदेश के खरगोन जिले के मंडलेश्वर निवासी प्रवेश पाटीदार ने इस बदलाव की मिसाल पेश की है। उन्होंने पारंपरिक खेती छोड़ फूलों की खेती अपनाई और अब हर

पारंपरिक खेती छोड़ फूलों की खेती शुरु की

फूलों की खेती करने वाले किसान प्रवेश पाटीदार पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कई वर्षों तक कपास, सोयाबीन, गेहूं और चना की खेती करते रहे, लेकिन उन्हें उम्मीद के मुताबिक आमदनी नहीं मिल रही थी। ऐसे में उन्होंने खेती में कुछ नया करने की ठानी और बागवानी की ओर रुख किया। शुरुआत में उन्होंने अपने खेत के छोटे से हिस्से में गेंदा फूल की खेती शुरू की, जो आज उनकी पहचान बन चुकी है।

1 बीघा से 2 लाख कमाई

 प्रवेश पटीदार अपने 1 बीघा खेत से हर छह महीने में डेढ़ से दो लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं। यानी साल में करीब 4 लाख रुपए कमा रहे है। आपको बता दें की फूलों की खेती में लागत भी कम आती है। एक फसल पर उनकी लागत करीब 30 से 40 हजार रुपये बैठती है, जबकि आमदनी कई गुना अधिक होती है। गेंदा की फसल में बुआई के करीब 45 दिन बाद ही फूल आना शुरू हो जाते हैं और लगभग छह महीने तक लगातार उत्पादन होता रहता है। गेंदा फूल की मांग पूरे साल बनी रहती है। चाहे त्योहार हो, शादी-ब्याह या धार्मिक आयोजन। व्यापारी कई बार सीधे खेत पर आकर फूल खरीद लेते हैं, जिससे तुड़ाई और ट्रांसपोर्ट का खर्च भी बच जाता है। सीजन में भाव अच्छे मिलते हैं, जिससे किसानों की आमदनी और बढ़ जाती है।