शिमला में प्रदेश का पहला राष्ट्रीय गुठलीदार फल सम्मेलन हुआ आयोजित

    07-Nov-2025
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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के उपमंडल कुमारसैन के थानाधार में राज्य का पहला गुठलीदार फल सम्मेलन आयोजित हुआ। इसका आयोजन गुठलीदार फल उत्पादक संघ, बागवानी विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। सम्मेलन में नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, फल उत्पादकों और बागवानों ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रदेश के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी मुख्यातिथि के तौर पर शामिल हुए। उनहोंने कहा कि, सेब के साथ अन्य गुठलीदार फलों की वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा देकर राज्य की बागवानी अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाया जाए। राज्य सरकार गुठलीदार फलों की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक नीति समर्थन, प्रशिक्षण, अनुसंधान और विपणन ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है।

हाई डेंसिटी प्लांटेशन प्रणाली अपनाने का आह्वान

उन्होंने बागवानों से हाई डेंसिटी प्लांटेशन प्रणाली को अपनाने का आह्वान किया ताकि कम क्षेत्र में अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड जैसे देश सीमित भूमि पर उच्च गुणवत्ता का सर्वाधिक उत्पादन कर रहे हैं। हिमाचल में भी हमें इसी दिशा में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती उच्च गुणवत्ता वाले पौधरोपण सामग्री की उपलब्धता है। जब तक हम अपने राज्य में ही गुणवत्तापूर्ण पौधे तैयार नहीं करेंगे, तब तक हाई डेंसिटी तकनीक का पूर्ण लाभ नहीं मिल सकेगा।

50 हजार हाई डेंसिटी पौधे होंगे तैयार

हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में इटली की एक कंपनी के साथ एमओयू किया है। इसके तहत शीघ्र ही 50 हजार हाई डेंसिटी पौधे तैयार किए जाएंगे ताकि गुणवत्तापूर्ण पौधों की कमी को दूर किया जा सके। उन्होंने बागवानी विभाग को समय-समय पर ऐसे सम्मेलन आयोजित कर बागवानों और किसानों को हाई डेंसिटी तकनीक और उच्च गुणवत्ता वाले फलों के बारे में जानकारी प्रदान करें। सम्मेलन के दौरान विशेषज्ञों ने गुठलीदार फलों की खेती की आधुनिक तकनीकों, जलवायु अनुकूल प्रजातियों के चयन, फलों में होने वाले रोगों की रोकथाम, कटाई के बाद प्रबंधन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन एवं विपणन रणनीतियों पर विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श किया।