राजस्थान के यह बागवान स्मार्ट बागवानी से कमाया 91 लाख रुपये

    08-Nov-2025
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नई दिल्ली। राजस्थान के कोटा जिले के गांव बड़ोदिया के रहने वाले मनोज खंडेलवाल की कहानी अन्य किसानों के लिए प्रेरणा से कम नहीं है। खेती में सात साल का अनुभव लेने के बाद मनोज जी समझ गए कि बंपर मुनाफे के लिए पारंपरिक खेती छोड़कर कुछ नया यानी इनोवेटिव करना होगा। जहां उनके इलाके के ज्यादातर किसान अमरूदों की पुरानी किस्मों पर ही टिके थे, वहीं मनोज जी ने जमीन, पानी और बाजार की नब्ज को समझते हुए एक अलग रास्ता चुना।

6 हेक्टेयर जमीन में करते हैं बागवानी

उन्होंने अपने बागवानी में वीएनआर और ताइवान पिंक जैसी नई और ऊंची कीमत देने वाली अमरूद के किस्मों को लगाया , जो उनका पहला 'मास्टरस्ट्रोक' साबित हुआ। इसी सोच के साथ उन्होंने पारंपरिक खेती छोड़ दिया और नए  तकनीक अपनाकर 6 हेक्टेयर जमीन पर अमरूद की खेती शुरू कर दी।

क्वालिटी से समझौता नहीं, हर फल 'फर्स्ट क्लास'

 पारंपरिक बागवानी जहां पौधे दूर-दूर लगते हैं। मनोज खंडेवाल की बागवानी ठीक इसका उलटा है। इसमें पौधों को बहुत पास-पास लगाया है, जिससे प्रति हेक्टेयर पौधों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। ज्यादा पौधे लगाने के बावजूद, मनोज ने क्वालिटी से समझौता नहीं किया, क्योंकि वह जानते थे कि अच्छा दाम तभी मिलेगा जब फल बेदाग और शानदार हो। जब पौधे में फल आने लगे तो इसके लिए उन्होंने 'फ्रूट बैगिंग' तकनीक अपनाई, जिसमें छोटे फलों को एक खास प्रोटेक्टिव पेपर बैग से ढक दिया जाता था। इस 'बैग' का कमाल यह था कि यह फलों को कीड़ों जैसे फल मक्खी, बीमारियों, धब्बे या फंगस और मौसम की मार  से बचाता है।

 

 

 

 

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