इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने कृषि भवन में संयुक्त सचिव से की मुलाकात

    11-Dec-2025
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नई दिल्ली। नया सीड्स बिल 2025 को लेकर इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के अध्यक्ष वाई. पी. सिंह की अगुवाई मेंनई दिल्लीस्थित कृषि भवन में संयुक्त सचिव अजीत कुमार साहू मुलाकात की। इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन ने इस दौरान सीड्स बिल 2025 पर विस्तृत चर्चा की। संयुक्त सचिव ने नर्सरी सेक्टर के भविष्य से जुड़े सभी मुद्दों और आने वाली संभावित चुनौतियों को ध्यानपूर्वक सुना। साथ ही इस दौरान इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन की ओर से संयुक्त सचिव अजीत कुमार साहू को नर्सरी टुडे मैगजीन भी भेंट की गई। नर्सरीमेन एसोसिएशन के सदस्यों ने साफ शब्दों में कहा कि सीड्स बिल 2025 से अगर नर्सरी को बाहर नहीं रखा जाएगा तो नर्सरी व्यवसाय पर संकट आ जाएगी, और देश की कई बड़ी और छोटी नर्सरियां खत्म हो जाएंगी। इससे नर्सरी व्यवसाय को संभावित नुकसान हो सकता है, मुख्य रूप से अनिवार्य पंजीकरण और सख्त नियम नर्सरी पर बोझ डाल सकते हैं। इस दौरान इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के महासचिव मुकुल त्यागी, संयुक्त सचिव गालिब खान, ट्रैजरर मुकेश शर्मा शाामिल थे। 

बागवानी आयुक्त से भी मुलाकात

इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन ने बागवानी आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार से भी मुलाकात की। एसोसिएश्न के एक प्रतिनिधी मंडल ने वाईपी सिंह के नेतृत्व में मुलाकात के दौरान एक ज्ञापन सौपा ताकी सीड्स बिल 2025 से नर्सरी को बाहर रखा जाए। इस दौरान एसोसिएशन के सदस्यों ने बागवानी आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि सीड्स बिल 2025 से नर्सरी व्यवसाय को संभावित नुकसान हो सकता है, मुख्य रूप से अनिवार्य पंजीकरण और सख्त नियम नर्सरी पर बोझ डाल सकते हैं।

कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री से कर चुके है मुलाकात

 बता दें कि इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के अध्यक्ष वाईपी सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। एसोसिएशन ने इस दौरान एक विस्तृत ज्ञापन भी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री को सौंपा था, जिसमें सीड्स बिल 2025 से नर्सरी को बाहर रखने की मांग की गई थी। मुलाकात के दौरान इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के सदस्यों ने साफ शब्दों में कहा कि सीड्स बिल 2025 से अगर नर्सरी को बाहर नहीं रखा जाएगा तो देश की कई बड़ी और छोटी नर्सरियां खत्म हो जाएंगी।