उच्च शिक्षा छोड़ अपनाया बागवानी का रास्ता, 15 एकड़ में की पपीते की खेती

    11-Dec-2025
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नई दिल्ली।राजस्थान के भिलवाडा जिले के कोदूकोटा के पास उद्यान विभाग के मार्गदर्शन में दिव्यन सोमानी ने खेती को अपना पेशा बनाकर एक नई मिसाल पेश की है। दृढ़ इच्छाशक्ति और निरंतर मेहनत के दम पर बागवानी के क्षेत्र में सफल किसान व उद्यमी के रूप में पहचान बना चुके हैं। उच्य शिक्षा पूरी करने के बाद बागवानी और खेती कर मिशाल कायम की है। परिवार के सहयोग और अपने संकल्प के साथ मार्च 2025 में कोदूकोटा के पास उद्यान विभाग के मार्गदर्शन में 15 एकड़ भूमि पर 15 हजार पपीते के पौधे लगाकर आधुनिक बगीचा तैयार किया।

पपीते की गुणवत्ता बनी पहली पसंद

वे बताते है कि फलों को पूर्ण रूप से पकने के बाद ही पौधे से तोड़ा जाता है। इससे फल की मिठास, स्वाद और गुणवत्ता बाजार में अलग ही पहचान बना रहे हैं। यही कारण है कि कोदूकोटा का पपीता ग्राहकों की पहली पसंद बन गया है और बाजार में भी इसे बेहतर मूल्य मिल रहा है।

अब तक 200 क्विंटल पपीता की बिक्री

नवम्बर 2025 तक दिव्यन करीब 200 क्विंटल पपीता औसत 22 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेच चुके हैं। इससे उन्हें करीब 4.40 लाख रुपए की आमदनी हुई है, जबकि यह केवल कुल उत्पादन का 10 प्रतिशत है। शेष 90 प्रतिशत फल अभी पौधों पर हैं, जिनकी तुड़ाई आने वाले समय में चरणबद्ध तरीके से की जाएगी।

जयपुरउदयपुरअहमदाबाद तक जाती है खेप

उच्च गुणवत्ता और प्राकृतिक मिठास के कारण कोदूकोटा का पपीता स्थानीय बाजार के साथ-साथ जयपुर, उदयपुर और अहमदाबाद की बड़ी मंडियों तक भेजा जा रहा है। सोमानी ने अपनी खेती से न केवल आर्थिक सफलता हासिल की है, बल्कि स्थानीय स्तर पर दर्जनों लोगों को रोजगार भी प्रदान किया है। उनकी मेहनत और संघर्ष की कहानी प्रदेश के युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी है। उनका कहना है, किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए हिम्मत और कड़ी मेहनत जरूरी है। खेती में अपार संभावनाएं हैं, बस सोच बदलने की जरूरत है।