नई दिल्ली स्थित न्यू महाराष्ट्र सदन में आयोजित जल प्रहरी सम्मान–2025 में इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन ने निभाई ग्रीन पार्टनर का भूमिका

    12-Dec-2025
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नई दिल्ली।जल की सुरक्षा करना संचयन करना और बचाने के साथ इसका कम उपयोग करने वाला जल प्रहरी बन सकता है। कोई पानी को प्रदूषित कर रहा है और उसे रोकना जल प्रहरी का काम है। पानी की बचत करने के उद्देश्य से आगे बढ़ना पड़ेगा। यह बातें बृहस्पतिवार को न्यू महाराष्ट्र सदन में जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने की। वह जल प्रहरी सम्मान 2025 के छठे संस्करण को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन ने ग्रीन पार्टनर के रूप में सहयोग किया। इस कार्यक्रम में इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के अध्यक्ष वाई. पी. सिंह भी मौजूद रहे। वाई. पी. सिंह ने कहा है कि यह आयोजन देशभर में जल संरक्षण के लिए काम करने वाले लोगों को एकजुट करने का मंच प्रदान करेगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल और पूज्य चिदानंद सरस्वती महाराज की उपस्थिति ने माहौल को और प्रेरणादायक बना दिया।

देशभर के जल प्रहरी को सम्मान

देशभर में जल संरक्षण और जनभागीदारी के माध्यम से उत्कृष्ट कार्य करने वाले 33 व्यक्तियों को बृहस्पतिवार को न्यू महाराष्ट्र सदन में जल प्रहरी सम्मान 2025 से नवाजा गया। यह सम्मान केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत नमामि गंगे और जल जीवन मिशन के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया गया। इस वर्ष चयनित 33 जल प्रहरियों में गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, राजस्थान, बिहार, तेलंगाना, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के प्रतिनिधि शामिल रहें।

पानी बचेगा तो प्रयाग बचेगा- स्वामी चिदानन्द सरस्वती

परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष एवं आध्यात्मिक प्रमुख स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने इस अवसर पर कहा कि, जल प्रहरी का मतलब है एक सोच, संक्लप, जिम्मेदारी और जवाबदेही। इसका मतलब है कि मेरी धरती है मेरा देश है। लोग नदियों के पास जाते तो हैं, लेकिन कर्तव्यों को भूल जाते हैं। आज अतंरराष्ट्रीय दिवस है। ऐसे में पर्वत बचेंगे, तो पहाड़ बचेंगे। पानी बचेगा तो प्रयाग बचेगा तभी कुंभ भी होगा। वरना 144 साल वाला महाकुंभ नहीं होगा।