
नई दिल्ली।बिहार में खेती अब सिर्फ धान, गेहूं और मक्का तक सीमित नहीं रही। बदलते वक्त के साथ अब किसान अन्य फसलों की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी कड़ी में बिहार सरकार ने किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक नया और खास प्लान शुरू किया है। इस योजना के तहत किसानों को नारियल की व्यावसायिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। बिहार सरकार का मानना है कि सही जलवायु और सरकारी सहयोग से नारियल की खेती किसानों के लिए लंबे समय तक कमाई का मजबूत जरिया बन सकती है।
नारियल खेती को बढ़ावा देगी बिहार सरकार
बिहार सरकार ने खेती को मुनाफे का सौदा बनाने के लिए परंपरागत फसलों से हटकर नकदी फसलों पर जोर देना शुरू किया है। उत्तर बिहार के कई जिलों में गंगा, किऊल और हरोहर नदी क्षेत्र की जलवायु नारियल की खेती के लिए अनुकूल मानी गई है। इसी वजह से सरकार ने इन इलाकों में नारियल की व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देने का फैसला लिया है। इस योजना में लखीसराय जिला भी शामिल है, जहां किसानों को नारियल के पौधों पर भारी सब्सिडी दी जा रही है।
1500 पौधे लगाने का लक्ष्य, 75 फीसदी तक सब्सिडी
बिहार सरकार की इस योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में जिले में 1500 नारियल के पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना का लाभ किसानों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा। इस योजना में नारियल के पौधों की कीमत पर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। अगर एक पौधे की कीमत करीब 85 रुपये है, तो उसमें से लगभग 63 रुपये सरकार देगी और किसान को सिर्फ करीब 21 रुपये ही खर्च करने होंगे। यह योजना खासतौर पर छोटे और मध्यम किसानों के लिए फायदेमंद मानी जा रही है, क्योंकि नारियल की खेती एक बार लगाने के बाद सालों तक नियमित आय देती है।