
नई दिल्ली।बागवानी हर किसी को पसंद आती है, लेकिन अक्सर हम अनजाने में कुछ ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं जो पौधों की बढ़त को धीमा कर देती हैं। कई लोग सोचते हैं कि वे पौधों की अच्छी देखभाल कर रहे हैं, मगर असल में वे नहीं जानते कि बागवानी में कौन सी गलतियाँ करते हैं और उन्हीं गलतियों के कारण पौधे कमजोर पड़ जाते हैं। अगर आप घर पर छोटा-सा गार्डन बना रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है। आज आपको बताने वाले है गार्डनिग के बेहतर तरीका।
बर्तन को गमले के तौर पर इस्तेमाल करें
गलत प्रकार के बर्तन जैसे—बिना छेद वाले डिब्बे, प्लास्टिक बॉक्स या हवा न पार करने वाले कंटेनर का उपयोग करने से पानी जमा हो जाता है और पौधे की जड़ें सड़ने लगती हैं। यह पौधे की बढ़त रोक देता है और उसे कमजोर करता है। हमेशा ऐसे कंटेनर या गमले का उपयोग करें, जिनमें पानी निकलने के लिए ड्रेनेज होल जरूर हों।
कीटाणुयुक्त मिट्टी का उपयोग
पुरानी, कठोर या संक्रमित मिट्टी में पौधों को पोषण नहीं मिलता और गार्डन की मिट्टी में कीट या रोगवाहक भी हो सकते हैं। ऐसी मिट्टी में पौधे पीले पड़ने, कुम्हलाने या सूखने लगते हैं।
गमले में पौधों को पानी न देना
कम पानी देने पर पौधे सूखने लगते हैं और ज्यादा पानी देने पर पौधों की जड़ें गलने लगती हैं। यह शुरुआती गार्डनर की सबसे आम गलती है।सुबह या शाम का समय पानी देने के लिए सबसे अच्छा होता है। मिट्टी की नमी चेक करने के लिए नमी मीटर उपकरण का इस्तेमाल करें।
पौधों की छटाई न करना
बिना छटाई किए पौधे जल्दी झाड़ीनुमा और कमजोर दिखने लगते हैं। पुराने, सूखे और संक्रमित हिस्सों को न हटाने से रोग और कीट पौधों में फैल सकते हैं। हर 15–20 दिनों में सूखी पत्तियों और टहनियों को काटें। फूलदार पौधों की प्रूनिंग से नई कलियाँ तेजी से निकलती हैं और पौधे बेहतर फूल देते हैं।
पौधों को सही से धूप न देना
कम धूप से पौधों की पत्तियाँ फीकी पड़ती हैं, और ज्यादा धूप उन्हें झुलसा देती है। धूप की कमी से फूल और फल भी कम आते हैं। धूप की जरूरत के अनुसार पौधों को सेट करें। फूल वाले पौधे 4–6 घंटे धूप में रखें और पत्तेदार पौधे हल्की धूप या छांव में रखें।