
नई दिल्ली। अगर आप सोच रहे हैं कि बागवानी या गार्डनिंग की शुरुआत कैसे करें,तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। गार्डनिंग न सिर्फ आपके घर को खूबसूरत बनाती है बल्कि मन को भी ताजगी और सुकून देती है। कई लोग यह सोचकर गार्डनिंग शुरू नहीं कर पाते कि उन्हें ज़्यादा जानकारी या अनुभव नहीं है, लेकिन सच यह है कि कुछ आसान तरीकों से कोई भी गार्डनिंग शुरू कर सकता है।अगर आप भी जानना चाहते हैं कि पहली बार गार्डनिंग करने के आसान तरीके क्या हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए बेहद मददगार साबित होगा। यहाँ हम गार्डनिंग शुरू करने के 5 ऐसे कारगर बागवानी टिप्स बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप भी अपने घर की बालकनी या आंगन को हरे-भरे पौधों से सजा सकते हैं।
उचित स्थान का चयन करें
गार्डनिंग की शुरुआत सही जगह के चुनाव से होती है। पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त धूप और ताजी हवा की जरूरत होती है। कोशिश करें कि, पौधे ऐसे स्थान पर रखें जहाँ रोजाना कम से कम 4 से 6 घंटे धूप मिल सके। अगर आपके पास बालकनी या छत है, तो यह सबसे अच्छा विकल्प होगा। सही स्थान पौधों को लंबे समय तक हरा-भरा और स्वस्थ रखता है।
अच्छी बीज चुनें
गार्डनिंग में बीज की क्वालिटी सबसे अहम होती है। बाजार में सामान्य, हाइब्रिड और ऑर्गेनिक बीज आसानी से मिल जाते हैं। उच्च गुणवत्ता वाले बीज जल्दी अंकुरित होते हैं और पौधों को स्वस्थ बनाते हैं। अच्छे बीज लगाने से पौधों में फल और फूल भी ज्यादा आते हैं। अगर संभव हो तो सीजनल बीज का ही चयन करें, ताकि उनकी ग्रोथ प्राकृतिक रूप से अच्छी हो।
सही गमले का चुनाव करें
पौधे के आकार के अनुसार सही गमला या ग्रो बैग चुनें। मिट्टी और पानी का संतुलन बनाए रखने के लिए ग्रो बैग या मिट्टी के गमले बेहतर होते हैं। छोटे पौधों के लिए छोटा गमला और बड़े पौधों के लिए गहरा व चौड़ा गमला इस्तेमाल करें। प्लास्टिक, मिट्टी और टेराकोटा के गमले सबसे ज्यादा चलन में हैं, लेकिन मिट्टी के गमले पौधों के लिए अधिक फायदेमंद माने जाते हैं।
उपजाऊ मिट्टी का चयन करें
मिट्टी पौधों के लिए पोषण का मुख्य स्रोत होती है और मिट्टी न ज्यादा हार्ड होनी चाहिए और न ही ज्यादा चिपचिपी। गार्डनिंग के लिए हमेशा उपजाऊ और हल्की मिट्टी का इस्तेमाल करें, जिसमें नमी बनी रहे लेकिन जलभराव न हो। पौधों की ग्रोथ बढ़ाने के लिए आप मिट्टी में गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट और सूखी पत्तियाँ मिला सकते हैं।
पौधों को समय पर पानी दें
पौधों को हमेशा सही मात्रा में और सही समय पर पानी देना बहुत जरूरी है। न ज्यादा पानी दें और न ही बहुत कम, वरना वे खराब हो सकते हैं। गर्मियों में रोज सुबह या शाम को पानी देना अच्छा रहता है।