
नई दिल्ली।बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच गुलदाउदी जैसे पुष्पीय पौधे पर्यावरण के लिए प्राकृतिक ढाल बन सकते हैं। इनको लगाने के घर और आसपास का वातावरण प्रदूषण से सुरक्षित रह सकता है। गुलदाउदी को वायु प्रदूषण बचाने वाला पौधा माना जाता है। सीएसआइआर राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान लखनऊ में आयोजित दो दिवसीय गुलदाउदी एवं कोलियस पुष्प प्रदर्शनी–2025 का शुभारंभ पर प्रमुख सचिव एम. देवराज ने किया। उन्होंने कहा कि गुलदाउदी वायु में मौजूद हानिकारक तत्वों को अवशोषित कर आसपास की हवा को अपेक्षाकृत शुद्ध बनाए रखने में सहायक होती है। यदि इसे घरों, बालकनी और छतों पर लगाया जाए तो यह सौंदर्य के साथ-साथ प्रदूषण नियंत्रण में भी अहम भूमिका निभा सकती है।प्रदर्शनी के पहले ही दिन लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। सुबह से ही बड़ी संख्या में शहरवासियों, विद्यार्थियों, बागवानी प्रेमियों और किसानों ने प्रदर्शनी स्थल पर पहुंचकर गुलदाउदी और कोलियस की विविध प्रजातियों को नजदीक से देखा और समझा।
अनेक फूलों का लोगों ने किया दीदार
प्रदर्शनी में आगंतुकों ने न केवल पुष्पों की सुंदरता का आनंद लिया, बल्कि उनके संवर्धन, देखभाल और व्यावसायिक उपयोग की जानकारी भी प्राप्त की। वैज्ञानिकों से प्रत्यक्ष संवाद के दौरान लोगों ने यह जाना कि गुलदाउदी को किस प्रकार घर में उगाया जा सकता है और यह पर्यावरण के लिए कैसे लाभकारी है। कई आगंतुक फूलों की बनावट, पंखुड़ियों की संरचना और रंगों की विविधता को ध्यानपूर्वक निरीक्षण करते नजर आए।
गुलदाउदी की देखभाल कैसे करें
गुलदाउदी को प्रतिदिन हल्की धूप और खुली हवा की आवश्यकता होती है। इसकी मिट्टी भुरभुरी और पानी के उचित निकास वाली होनी चाहिए। आवश्यकता अनुसार ही सिंचाई करें और अधिक पानी देने से बचें। समय-समय पर सूखे फूल और पत्तियों को हटाते रहें, जिससे पौधा स्वस्थ बना रहता है। जैविक खाद के प्रयोग से फूलों की संख्या और गुणवत्ता दोनों बेहतर होती हैं।