75 वर्षीय किसान ओमवीर जैविक खाद के प्रयोग से कर रहा बागवानी

    23-Dec-2025
Total Views |

नई दिल्ली।हरियाणा के गांव खोड़ निवासी 75 वर्षीय ओमवीर सिंह किसान चार-पांच सालों से जैविक खाद का प्रयोग कर खेती व बागवानी कर रहे हैं।इसके लिए खाद व कीटनाशक दवाइयां भी वह स्वयं अपने तरीके से तैयार कर खेती में प्रयोग करने का काम करते हैं।किसान ओमवीर सिंह ने बताया कि वह रासायनिक खेती से दूर रहता है जबकि जैविक खेती करने में अधिक रुचि रखता है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसान ओमबीर को प्रशासन की ओर से कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।

मौसमी, नींबू व अमरुद के पौधे लगाया

किसान ने बताया कि जैविक खेती करने से पूर्व उसने जींद में तीन दिन का प्रशिक्षण ग्रहण किया था।तत्पश्चात मौसमी, नींबू व अमरुद के पौधे लगाकर जैविक खेती कर रहा है। इस खेती के लिए वह जीवामृत तरीके से खाद तैयार करता है जो जैविक खेती के लिए लाभदायक होती है।किसान ने बताया कि फसल में उगी खरपतवार को मिटाने के लिए वह किसी भी प्रकार की दवाइयों का प्रयोग नहीं करता है। जीवामृत बनाने के लिए 200 लीटर पानी, 25 किलोग्राम गुड़, 5 किलोग्राम गोमूत्र, 10 किलोग्राम गोबर व 2 किलोग्राम बेसन का मिश्रण तैयार करके 21 दिनों तक रूड़ी के खाद में मटके में दबाकर तैयार किया जाता है।

नीम धतूरा के पत्तों से कीटनाशक तैयार

इसी तरह नीम, धतूरा व आकड़ा के पत्तों से कीटनाशक दवाईयां भी तैयार करता है और इसे साल में दो बार प्रयोग करता है। जबकि फंगस के लिए चावल व गुड़ के मिश्रण से दवा तैयार की जाती है। किसान का कहना है कि जैविक खेती रासायनिक खेती से सस्ती भी पड़ती है। फिलहाल किसान द्वारा आलू, गोभी, टिंड़ा व घीया की खेती की जा रही है, जो स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही उत्तम है। फसलों की सिंचाई के लिए किसान ओमवीर ड्रिप सिस्टम का प्रयोग करते हैं।