
नई दिल्ली। आजकल घरों में इनडोर पौधे लगाना बहुत आम हो गया है। यह न सिर्फ घर को सुंदर बनाते हैं, बल्कि हवा को साफ रखने में भी मदद करते हैं। लेकिन कई लोग नहीं जानते कि इनडोर पौधों में रोग क्यों होते हैं, लक्षण और कारण क्या हैं। अक्सर गलत देखभाल, ज़रूरत से ज़्यादा पानी देना और मिट्टी में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया की वजह से इनडोर प्लांट में होने वाले रोग तेजी से बढ़ने लगते हैं। अगर शुरुआत में इन समस्याओं को पहचानकर दूर न किया जाए, तो पौधा धीरे-धीरे कमजोर होकर पूरी तरह खराब हो सकता है।
इनडोर पौधों में रोग क्यों लगते हैं
इनडोर पौधों में रोग ज्यादातर अधिक पानी, गलत मिट्टी और हवा की कमी के कारण लगते हैं। घर के अंदर लगे पौधों में रोग लगने और खराब होने के निम्न कारण, जैसे
जरूरत से ज़्यादा पानी, जिससे मिट्टी लगातार गीली रहती है और जो रूट रॉट जैसी बीमारी को जन्म देती है।
मिट्टी में हवा का प्रवाह रुक जाना, जिससे जड़ें ऑक्सीजन नहीं ले पातीं।
पानी रुकने वाली मिट्टी का इस्तेमाल।
हानिकारक बैक्टीरिया और फफूंद का बढ़ना, खासकर गीली मिट्टी में।
कम धूप वाली जगह पर पौधा रखना, जिससे मिट्टी देर से सूखती है।
पुरानी, कीटाणुयुक्त या बिना स्टरलाइज की गई मिट्टी का उपयोग।
अधिक पानी और बैक्टीरिया से खराब होते है इंडोर
ओवरवाटरिंग और बैक्टीरिया के कारण पत्तियाँ पीली होना।
अत्यधिक नमी से कमजोर होकर पौधा नीचे की ओर झुक जाता है।
जड़ सड़न और बैक्टीरिया के कारण बदबू आना।
जड़ें काली, मुलायम और टूटने जैसी हो जाती हैं।
पानी देने के बावजूद पौधा मुरझाया और कमजोर दिखने लगता है।
सफेद, भूरे या काले फफूंद जैसे धब्बे दिखाई देने लगते हैं।
पौधा नए पत्ते नहीं निकालता या छोटे, विकृत पत्ते उगाता है।
पौधों में अधिक पानी से होने वाले रोग
जड़ सड़न
ओवरवाटरिंग और मिट्टी में मौजूद बैक्टीरिया फफूंद के कारण जड़ सड़न होती है। इसमें जड़ें नरम, काली और बदबूदार हो जाती हैं। यह बीमारी शुरुआत में पत्तियों के पीले पड़ने और पौधे के झुकने से दिखाई देती है।
डैम्पिंग ऑफ
डैम्पिंग ऑफ मुख्यतः छोटे पौधों और सीडलिंग में होती है, जब मिट्टी अत्यधिक गीली रहती है। बैक्टीरिया और फंगस तने के निचले हिस्से को कमजोर कर देते हैं, जिससे पौधा अचानक जमीन पर गिर जाता है।
बैक्टीरियल लीफ स्पॉट
इस बीमारी में पत्तियों पर छोटे-छोटे पानी जैसे धब्बे बनते हैं, जो बाद में भूरे या काले हो जाते हैं। ओवरवाटरिंग से पत्तियों पर लगातार नमी बनी रहती है, जिससे बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं।
क्राउन रॉट
क्राउन रॉट तब होती है जब पौधे के तने और जड़ के मिलने वाला हिस्सा लंबे समय तक गीला रहता है। यह हिस्सा सड़ने लगता है और पौधे की ऊपरी वृद्धि रुक जाती है।
ब्लाइट रोग
ब्लाइट में पौधे की पत्तियाँ, तना और नई कोंपलें अचानक सूखने और काले पड़ने लगती हैं। मिट्टी का अधिक गीला होना बैक्टीरिया को बढ़ने का मौका देता है जिससे पौधे का ऊपरी हिस्सा सड़ने लगता है।