इस बागवान ने एप्पल, बेर और केले की बागवानी से पकड़ी समृद्धि की राह

    25-Dec-2025
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नई दिल्ली।गोरखपुर जिले के बनकटी विकास खंड के शंकरपुर गांव के रहने वाले मोहम्मद हसन प्रगतिशील किसान के रूप में नजीर बन गए हैं। हर बार परंपरागत खेती से हटकर धरती से कुछ नया उगाने का ख्वाब उनके समृद्धि के मार्ग को प्रशस्त कर रहा है। पहले अच्छे प्रजाति के केले की खेती से अपनी आमदनी बढ़ाई।नए प्रजाति के फलों की खेती के लिए इनका प्रयोग निरंतर चलता रहता है। आजकल इनके खेतों में ठंडे प्रदेश की उपज कश्मीर रेड एप्पल बेर और थाई ग्रीन एप्पल बेर की बागवानी इनके आजीविका का सहारा बनी है। वह बताते हैं कि वर्ष 2023 में कश्मीरी रेड एप्पल बेर और थाई ग्रीन एप्पल बेर की खेती शुरू की। मेहनत रंग लाई और पहले साल में ही कश्मीरी बेर की पैदावार करके ढाई लाख रुपये की आमदनी की।

कोलकाता से मगाई बेर के पौधे

हसन ने बताया कि वह गांव के एक व्यक्ति की एक एकड़ जमीन लीज पर लिए हैं। वर्ष 2024 में एक मार्च को कोलकाता से दो किस्म के बेर के 275 पौधे मंगवाएं। इसमें कश्मीरी रेड एप्पल बेर के 175 पौधे और थाई ग्रीन एप्पल बेर के 100 पौधे मंगवाए। इसकी लागत लगभग 10 हजार रुपये आई। एक बार इस पौधे को लगाने पर 8 से 10 वर्ष तक इसके फल प्राप्त किए जा सकते हैं। समय-समय पर पौधों की कटाई व छंटाई करने की आवश्यकता रहती है। इससे फल की क्वालिटी एवं उत्पादन बेहतर होता है।

बाग में देते हैं खाद

अप्रैल माह में डेढ़ से दो फुट का गड्ढा खोदकर उसमें डीएपी, पोटाश, जिंक, नीम और सरसों की खरी व देशी गोबर के खाद को डालकर एक एकड़ खेत में 10 से 12 फीट की दूरी पर पौधे को सीधी लाइन से लगाया था। कुल खर्च 40 से 50 हजार आया। गर्मी के मौसम में सप्ताह में एक बार सिंचाई भी करनी पड़ती थी।