बागवानों के लिए सेब का विकल्प बन रहा जापानी फल

    25-Dec-2025
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नई दिल्ली।हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के बागवानों के लिए जापानी फल सेब का विकल्प बन गया है। जापानी फल न केवल सेब से पहले तैयार हो रहा है, बल्कि सेब के दोगुना अधिक दामों में सब्जी मंडियों में बिक रहा है। बागवानों का अब लगातार जापानी फल की ओर रुझान बढ़ता जा रहा है। निचले इलाकों में जापानी फल अब मुख्य फसल बन चुकी है। खास बात यह है कि कुल्लू में तैयार होने वाले जापानी फल की बाहरी राज्यों में ऐसी मांग है कि सब्जी मंडी में व्यापारी इसे महंगे दामों पर खरीदते हैं। कई व्यापारी बगीचों में ही पेड़ों पर जापानी फल का सौदा करते हैं। कुल्लू जिला में इस बार भी करीब 20 फीसदी जापानी फल व्यापारियों ने बगीचों में ही खरीदा।

404 हेक्टेयर क्षेत्र में जापानी फल की पैदावार

कई बागवानों ने जापानी फल से अपनी आर्थिकी मजबूत की है। कुल्लू वर्तमान में जापानी फल उत्पादन का प्रमुख केंद्र बन चुका है। यहां लगभग 404 हेक्टेयर क्षेत्र में जापानी फल की पैदावार हो रही है। कुल्लू जिला में निचले क्षेत्र हुरला, थरास, बजौरा, भुंतर, गड़सा, शमशी-मौहल, लगघाटी के डुघीलग क्षेत्र, छुरला, बंजार, सैंज आदि क्षेत्रों में जापानी फल की पैदावार हो रही है। लगघाटी में सबसे अधिक जापानी फल की पैदावार हो रही है। ऐसे में अब इस क्षेत्र को जापानी फल के लिए पहचान बन चुकी है। बागवान प्रेम ठाकुर, खुशाल ने कहा कि जापानी फल की गुणवत्ता और औषधीय गुणों के चलते बाजार में अच्छी मांग होने से किसानों को भी बेहतर दाम मिल रहे हैं।

क्या हैं फायदे

जापानी फल एक अत्यंत पौष्टिक, स्वादिष्ट और औषधीय गुणों से भरपूर फल है। इसमें विटामिन ए, सी, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो हृदय, पाचन, त्वचा, आंखों और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए लाभकारी हैं। नियमित रूप से पका हुआ जापानी फल खाने से शरीर को ऊर्जा, रोगों से सुरक्षा और सौंदर्य दोनों मिलते हैं।