
नई दिल्ली। हरियाणा के नीलोखेड़ी के विधायक भगवानदास कबीरपंथी का कहना है कि नई तकनीक के इस्तेमाल से ही कृषि उत्पादन में इजाफा होगा। किसानों को पारंपरिक खेती छोड़कर बागवानी में आगे आना होगा। इससे क्षेत्र में विकराल होती पानी की समस्या से भी निजात मिलेगी। किसानों की आय भी बढ़ेगी।कबीरपंथी महाराना प्रताप हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यूरोप की अर्थव्यवस्था में बागवानी काफी अहम भूमिका निभा रही है। भारत में बागवानी मजबूत बने, इसके लिए सभी को प्रयास करने चाहिए। मुख्यमंत्री की ओर से 14 हॉर्टिकल्चर साइंस सेंटर बनाने की अनुमति बागवानी विश्वविद्यालय को दी गई है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. सुरेश मल्होत्रा ने की। उन्होंने बताया कि जब यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई थी, तब संस्थान के पास सीमित संसाधन थे लेकिन अब विश्वविद्यालय हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है।
बागवानी से बागवानों को आर्थिक लाभ
बागवानी से बेहतर कमाई संभव है, क्योंकि यह भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आय बढ़ाने का एक तरीका है। उच्च-मूल्य वाली फसलों जैसे कि मसाले, औषधीय पौधे, फल, फूल और सब्जियों की खेती, कम लागत वाली पारंपरिक खेती की तुलना में अधिक मुनाफा दे सकती है।बागवानी बागवानों को आर्थिक लाभ प्रदान करती है। यह तनाव कम करके मूड बेहतर बनाती है, शारीरिक कसरत देती है, और जैविक और ताज़ा सब्जियां और फल प्रदान करके स्वस्थ भोजन सुनिश्चित करती है।