सेब बागवानों ने कृषि मंत्री से जताई चिंता, FTA से डगमगा सकती है जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था

    31-Dec-2025
Total Views |


नई दिल्ली।सेब उत्पादन करने वाले प्रमुख राज्यों में जम्मू कश्मीर के सेब बागवानों में गहरी चिंता का विषय है। जिसका प्रमुख कारण है भारत और विदेशी देशों के बीच हो रहे फ्री ट्रेड एग्रीमेंट, जिसे सेब उद्योग के लिए खतरा माना जा रहा है। जिसको लेकर बागवानों की एक प्रतिनिधिय मंडल ने केंद्रीय कृषि एवं किसान क्ल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की है।

जम्मू कश्मीर की आर्थिक रीढ़ है सेब

जम्मू-कश्मीर के बागवानों के लिए सेब मात्र फल नहीं है बल्की सेब वंहा के बागवानों के लिए आर्थिक आधार है। वहां के बागवानों सेब की बागवानी कर अपने परिवार की आजिविका चलाते है। सेब की बागवानी से जुड़े किसान, मजदूर, पैकिंग यूनिट, ट्रांसपोर्टर, आढ़ती और कोल्ड स्टोरेज, सबकी रोजी-रोटी इसी पर निर्भर है। प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री को बताया कि अगर सेब आयात पर शुल्क में जरा भी ढील दी गई, तो इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।

क्या है FTAs

FTAs मुक्त व्यापार समझौताका असर भारत पर यह होता है कि इससे निर्यात बढ़ता है, भारतीय उत्पादों को दूसरे देशों में सस्ती पहुंच मिलती है।रोजगार पैदा होते हैं और निवेश आकर्षित होता है, खासकर फार्मा, वस्त्र और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में, लेकिन साथ ही घरेलू उद्योगों को अधिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है और गैर-टैरिफ बाधाएं और जटिल नियम भी चुनौती बन सकते हैं।