नई दिल्ली। नया सीड्स बिल 2025 को लेकर इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के अध्यक्ष वाई. पी. सिंह की अगुवाई में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी से मुलाकात की। इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन ने इस दौरान एक विस्तृत ज्ञापन भी कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री को सौंपा, जिसमें सीड्स बिल 2025 से नर्सरी को बाहर रखने की मांग की गई। मुलाकात के दौरान इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के सदस्यों ने साफ शब्दों में कहा कि सीड्स बिल 2025 से अगर नर्सरी को बाहर नहीं रखा जाएगा तो नर्सरी व्यवसाय पर संकट आ जाएगी, और देश की कई बड़ी और छोटी नर्सरियां खत्म हो जाएंगी। इससे नर्सरी व्यवसाय को संभावित नुकसान हो सकता है, मुख्य रूप से अनिवार्य पंजीकरण और सख्त नियम नर्सरी पर बोझ डाल सकते हैं।
तत्काल कदम उठाने की मांग: बता दें कि इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के अध्यक्ष वाईपी सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। इसके निवारण के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग की गई। साथ ही इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री को नर्सरी टुडे मैगजीन भी भेंट की गई।
बागवानी आयुक्त से भी मुलाकात
इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन ने बागवानी आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार से मुलाकात की। एसोसिएश्न के एक प्रतिनिधी मंडल ने वाईपी सिंह के नेतृत्व में मुलाकात के दौरान एक ज्ञापन सौपा ताकी सीड्स बिल 2025 से नर्सरी को बाहर रखा जाए। इस दौरान एसोसिएशन के सदस्यों ने बागवानी आयुक्त डॉ. प्रभात कुमार के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि सीड्स बिल 2025 से नर्सरी व्यवसाय को संभावित नुकसान हो सकता है, मुख्य रूप से अनिवार्य पंजीकरण और सख्त नियम नर्सरी पर बोझ डाल सकते हैं।
सांसद से भी मिलकर रखी अपनी बात
इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष वाईपी सिंह के नेतृत्व में बागपत से लोकसभा सांसद राजकुमार सांगवान से भी मुलाकात की। इस दौरान एसोसिएशन के सदस्यों ने सांसद राजकुमार सांगवान से सीड्स बिल 2025 पर चर्चा की और इस बिल से नर्सरियों के होने वाले नुकसान से अवगत कराया। बता दें कि इस दौरान इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन की ओर से सांसद राजकुमार सांगवान को नर्सरी टुडे मैगजीन भी भेंट की गई।
सीड्स बिल 2025 से नर्सरी व्यवसाय को नुकसान
वाईपी सिंह का कहना है कि सीड्स बिल 2025 से नर्सरी व्यवसाय को नुकसान हो सकता है। मुख्य रूप से अनिवार्य पंजीकरण और सख्त नियमों के कारण, जो छोटी नर्सरी पर बोझ डाल सकते हैं। इससे बीज कंपनियों का नियंत्रण बढ़ सकता है, किसानों को महंगे बीज खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। बता दें कि ड्राफ्ट सीड बिल 2025 सरकार का प्रस्तावित एक नया कानून है, जो पुराने बीज अधिनियम 1966 और बीज नियंत्रण आदेश 1983 की जगह लेगा।